डेटिंग ऐप का इस्तेमाल युवाओं से लेकर मिडिल एज के लोग भी कर रहे हैं, लेकिन एक स्टडी के मुताबिक ये मेंटल हेल्थ और ओवरऑस वेलबीइंग के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
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Dating Apps Side Effects: टेक्नोलॉजी के एडवांस्मेंट का असर लव रिलेशनशिप पर भी पड़ता है, यही वजह है कि आज मनपसंद पार्टनर को तलाशने के लिए डेटिंग ऐप्स का जमकर सहारा लिया जाता है, लेकिन हद से ज्यादा इस्तेमाल आपके दिमागी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. बेहतर है कि आप इसका यूज समझदारी से करें.
डेटिंग ऐप के रिस्क
एक ताजा स्टडी ने डेटिंग ऐप्स के बॉडी इमेज, मेंटल हेल्थ और ओवरऑल वेलबीइंग पर संभावित नेगेटिव इम्पैक्ट को उजागर किया गया है. दुनियाभर में तकरीबन 350 मिलियन यूजर्स और 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के एनुअल रेवेन्यू के साथ, डेटिंग ऐप्स वाइडली पॉपुलर हैं. ऑस्ट्रेलिया में, 49 फीसदी एडल्ट्स ने ऐसे प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल किया है, और 27 फीसदी ने पास्ट में ऐसा किया है. हालांकि लोगों को रोमांटिक पार्टनर ढूंढने में मदद करने की अपनी रोल के बावजूद, इन ऐप्स के नेगेटिव असर हो सकते हैं.
इन परेशानियों के शिकार न हो जाएं
45 रिसर्च पेपर्स की सिस्टेमेटिक रिव्यू वाले इस रिसर्च में, डेटिंग ऐप के इस्तेमाल और शरीर में असंतोष, ईटिंग डिसऑर्डर, डिप्रेशर, एंग्जाइटी और लो सेल्फ स्टीम जैसे मसलों के बीच अहम रिश्ते पाए गए. बॉडी इमेज की जांच करने वाले 85 फीसदी से ज्यादा स्टडीज ने नेगेटिव कोरिलेशन की सूचना दी, जबकि तकरीबन आधे ने मेंटल हेल्थ और वेल बीइंग के लिए एक जैसे रुझान पाए. ज्यादातर स्टडीज पश्चिमी देशों में की गई थी, जिनमें पुरुष प्रतिभागियों पर फोकस किया गया था, जिससे निष्कर्षों की सामान्यता सीमित हो गई.
रिव्यू में बताया गया कि डेटिंग ऐप्स, दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह, हाइली इमेज सेंट्रिक होते हैं, जो निजी खूबियों पर तस्वीरों पर जोर देते हैं. इससे सेल्फ ऑब्जेक्टिफिकेशन हो सकता है, जहां यूजर्स अपने पर्सनालिटी पर अपनी अपीयरेंस को प्रायोरिटी देते हैं, जिससे शरीर में असंतोष और शर्मिंदगी हो सकती है.
रिजेक्शन भी बढ़ाता है दुख
इसके अलावा, इन प्लेटफार्म्स पर बार-बार रिजेक्शन - चाहे मैचेज की कमी के जरिए या साफ तरीके से भेदभाव- सेल्फ स्टीम और मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है. डेटिंग ऐप्स का गेमिफाइड नेचर ज्यादा इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित कर सकती है, भले ही यूजर्स को ब्रेक से फायदा हो सकता है.
क्या कर सकते हैं आप?
जबकि स्टडी अपनी सीमाओं को स्वीकार करती है, जैसे कि क्रॉस-सेक्शनल डेटा और खास तौर से व्हाइट, पश्चिमी नमूने पर इसकी निर्भरता, ये इन नकारात्मक प्रभावों के संभावित कारणों का सुझाव देता है. नुकसान को कम करने के लिए, अध्ययन सजेस्ट करता है कि ऐप डेवलपर तस्वीरों पर जोर कम करें, भेदभावपूर्ण रवैये को कम करें और सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा दें.
यूजर्स के लिए, स्टडी सलाह देतू है कि वो ऐसी प्रोफ़ाइल पिक्चर चुनें जो पर्सनालिटी या आपकी दिलचस्पी को बयां करती हों, पॉजिटिव टॉक में इनवॉल्व हों, और जब ओवरवेलम्ड फील करें तो ब्रेक लें. संभावित कमियों के बावजूद, डेटिंग ऐप्स कॉन्फिडेंस भी बढ़ा सकते हैं और यूजर्स को दूसरों से जुड़ने में मदद कर सकते हैं, जिससे हेल्दी एक्सपीरिएंस के लिए माइंडफुल यूजेज जरूरी हो जाता है.