New Pandemic after Covid: कोरोना महामारी आने के तीन साल बाद ये पहला मौका है जब किसी रहस्यमयी बीमारी से प्रभावित बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार समेत असामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. स्कूल बंद हैं. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब इससे जुड़ी जानकारी मांगी है.
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Mysterious Pneumonia outbreak: चीन (China) में नई महामारी की आहट से हड़कंप मचा है. बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बीजिंग और लियाओनिंग के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती हो रहे हैं. हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि WHO ने इस रहस्यमयी बीमारी से जुड़ा डाटा और अन्य जानकारी मांगी है. इसकी तुलना कोरोना महामारी से हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक इस कथित न्यूमोनिया से प्रभावित बच्चों के फेफड़ों में सूजन है. उनमें तेज बुखार समेत कुछ असामान्य लक्षण दिख रहे हैं. हालांकि उन बच्चों में खांसी और फ्लू, RSV और सांस की बीमारी से संबंधित अन्य दूसरे लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं.
खतरनाक श्रेणी का अलर्ट जारी
ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म ProMed ने बच्चों को प्रभावित करने वाली बिना डायग्नोज हुए निमोनिया की उभरती महामारी के बारे में चेतावनी जारी की है. 21 नवंबर को मीडिया और प्रोमैड ने चीन में बच्चों में अज्ञात निमोनिया के आंकड़ों में बढ़ोतरी की रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि ये साफ नहीं है कि ये प्रकोप कब शुरू हुआ? हालांकि ये भी सच है कि इतने सारे बच्चों का एक साथ प्रभावित होना कोई सामान्य बात नहीं है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि क्या यह एक और महामारी हो सकती है. लेकिन हमें अभी भी सावधानी बरतनी चाहिए.
WHO की हालात पर नजर
उत्तरी चीन में निमोनिया और सांस संबंधी बीमारी के मामलों पर WHO के कान खड़े हुए हैं. WHO ने बयान जारी कर कहा है कि वो इस मामले में चीन में मौजूद अपने तकनीकी साझेदारों और उनके नेटवर्क के माध्यम से भी चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के साथ संपर्क में है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बीते 13 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों बढ़ोतरी को रिपोर्ट किया था. हालांकि ऐसे हालातों की वजह Covid-19 की पाबंदियों को हटाए जाने के बाद इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज़्मा निमोनिया, रेस्पेरेट्री सिन्सिटिकल वायरस (RSV) और कोविड19 कारक SARS COV2 वायरस जैसे ज्ञात कारकों को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.
क्या भारत में आ सकती है ये बीमारी?
जिस तरह से इस रहस्यमयी बीमारी की चर्चा हो रही है. उससे चीन के पड़ोसी देशों में चिंता बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि लोग बीजिंग से आ जा रहे हैं. कहीं कोई चेकिंग नहीं है. अगर ये कोरोना की तरह महामारी हुई तो बड़ी चूक हो सकती है. खतरा बड़ा है, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई चेतावनी या एडवाइजरी नहीं जारी की गई है.
कैसे करें बचाव?
स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि एहतियातन बच्चे में ऐसे लक्षण होने पर कोविड प्रोटोकॉल की तरह सारी एडवायजरी का पालन करना है. अगर बुखार या बदन में तेज दर्द नहीं है तो बार-बार हाथ धोते रहें. मास्क का प्रयोग करें. डॉक्टरों की सलाह के बगैर सलाह न लें. हालांकि कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि नया प्रकोप माइकोप्लाज्मा निमोनिया से जुड़ा हो सकता है, इसे वॉकिंग निमोनिया कहते हैं. जो पूरे चीन में तेजी से बढ़ रहा है. डर अब इस बात का है कि अगर ये महामारी है तो बहुत बुरा हो सकता है, क्योंकि चीन सख्त कोविड लॉकडाउन के बाद पहली बार सर्दियों के इस हैपनिंग सीजन में प्रवेश कर रहा है.