Pitra Dosh Remedy: ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो इसमें व्यक्ति की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं जिनको सही तरीके से धारण करके आप जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. ऐसे ही पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास रत्नों का जिक्र किया गया है.
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Gems for Pitra Dosh: ऐसा माना जाता है कि अगर घर के पितृ खुश रहते हैं तो वहां के सदस्यों के कष्टों का निवारण आसानी से हो जाता है. लेकिन वहीं जिस घर के पितृ नाखुश या नाराज होते हैं वहां के सदस्यों को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो इसमें व्यक्ति की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं जिनको सही तरीके से धारण करके आप जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. ऐसे ही पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास रत्नों का जिक्र किया गया है. चलिए जानते हैं पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए.
पितृ दोष के नुकसान
अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष होता है तो उसको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं उसके बच्चों की भी हेल्थ हर वक्त खराब ही रहती है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में कठिनाईयां पैदा होने लगती हैं. इसके साथ शादी-विवाह में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
माणिक रत्न
अगर आप कुंडली में पितृ दोष के प्रभाव को खत्म करना चाहते हैं तो माणिक रत्न धारण करें. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक माणिक रत्न पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है.
पीला पुखराज
अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पीला पुखराज भी धारण कर सकते हैं. पीला पुखराज गुरु बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए जो व्यक्ति इस रत्न को धारण करता है उसकी कुंडली में गुरु बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर व्यक्ति पीला पुखराज नहीं पहन सकता इसलिए किसी ज्योतिष की सलाह लेकर ही इसे धारण करें.
रूबी रत्न
अगर आप चाहें तो पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए रूबी रत्न भी धारण कर सकते हैं. रूबी रत्न को हिंदू में माणिक्य कहते हैं. माणिक्य रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में अगर आप इस रत्न को पहनते हैं तो कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने लगती है. लेकिन इस रत्न को आप सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर रविवार के दिन ही धारण करें. इसके साथ ही इसको केवल अनामिका उंगली में ही पहनना शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)