Rudraksha Mala ke Labh: अगर बिगड़ रहे हों बनते हुए काम तो सप्ताह में इस दिन धारण कर लें रुद्राक्ष माला? सारी रुकावटें दूर कर देंगे भोलेनाथ
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Rudraksha Mala ke Labh: अगर बिगड़ रहे हों बनते हुए काम तो सप्ताह में इस दिन धारण कर लें रुद्राक्ष माला? सारी रुकावटें दूर कर देंगे भोलेनाथ

Rudraksha Mala Pahanne ke Niyam: जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए रुद्राक्ष की माला धारण करना फायदेमंद माना जाता है. लेकिन सवाल ये है कि हमें कौन से मुख वाले रुद्राक्ष की माला धारण करनी चाहिए.

Rudraksha Mala ke Labh: अगर बिगड़ रहे हों बनते हुए काम तो सप्ताह में इस दिन धारण कर लें रुद्राक्ष माला? सारी रुकावटें दूर कर देंगे भोलेनाथ

Benefits Of Wearing Rudraksha: सनातन धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की आराधना के लिए समर्पित हैं. सोमवार का दिन देवों के देव महादेव की पूजा के लिए अर्पित होता है. वे सभी देवों में सबसे बड़े हैं. अपनी शक्ति से वे विधि के विधान में भी बदलाव कर सकते हैं. सोमवार को व्रत रखकर मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है. ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि सोमवार को व्रत रखने के साथ ही रुद्राक्ष भी धारण करना चाहिए. ऐसा करने से परिवार पर महादेव की कृपा बरसती है और सारी दुख-परेशानियां अपने आप दूर होने लग जाती हैं. आज हम आपको बताते हैं कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई है और इसे धारण करना अब अति शुभ बन जाता है? 

कैसे हुई रुद्राक्ष की उत्पत्ति?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, एक समय में तीनों लोकों में त्रिपुरासुर नाम के दैत्य ने अपना आतंक मचा रखा था. अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके त्रिपुरासुर ने स्वर्ग पर अपना कब्जा कर लिया. इससे देवताओं में त्राहि-त्राहि मच गई. दुखी देवताओं ने ब्रह्मा जी के पास जाकर सहायता की गुहार की. इसके बाद ब्रह्मा जी ने उन्हें लेकर बैकुंठ धाम में भगवान विष्णु के पास पहुंचे. उनकी परेशानी सुनकर भगवान श्रीहरि ने उन्हें भोलेनाथ के सामने गुहार लगाने की सलाह दी. 

भगवान हरि की सलाह पर महादेव के पास पहुंचे

इसके बाद सभी देवता इकट्ठे होकर भगवान शिव के पास पहुंचे. उन्हें इस तरह परेशान हाल में अपने पास आया देखकर महादेव सारी बात समझ गए. उन्होंने देवताओं को उनकी सहायता का आश्वासन दिया. इसके बाद वे फिर से ध्यान योग में लीन हो गए. काफी अरसा गुजरने के बाद जब उनकी आंखें खुली तो उनसे आंसू टपकने लगे. कहते हैं कि उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष के पेड़ों का जन्म हुआ और फिर वे भोलेनाथ को अति प्रिय बन गए. बाद में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर दिया, जिससे तीनों लोकों में शांति स्थापित हुई. 

रुद्राक्ष पहनने के क्या हैं लाभ?

सनातन धर्म के विद्वानों के मुताबिक अगर आपके बनते हुए काम बिगड़ रहे हों. पैसा हाथ में नहीं टिक रहा हो या दूसरी समस्याएं लगातार आपको घेर रही हों तो आप एकमुखी रुद्राक्ष धारण कर लें. ऐसा करने से बिगड़े हुए कार्य अपने आप संवरने लग जाते हैं. आपके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. आध्यात्म में रूचि बढ़ती है. मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और घर में धन का प्रवाह बढ़ता जाता है. 

कब धारण करें रुद्राक्ष की माला?

ज्योतिषियों के अनुसार, सोमवार और प्रत्येक महीने आने वाली पूर्णिमा पर रुद्राक्ष पहनना अति उत्तम माना जाता है. सावन का पूरा महीना रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुभ रहता है. इस महीने में आप बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं. रुद्राक्ष मालाएं एक मुखी, दो मुखी और तीन मुखी आती हैं. इनमें से तीन मुखी रुद्राक्ष पहनना श्रेयस्कर माना जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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