Siddhivinayak Temple: मुंबई सिद्धिविनायक मंदिर में ऐसे कपड़े पहनकर अब श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रवेश, ट्रस्ट ने जारी किया ‘ड्रेस कोड’
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Siddhivinayak Temple: मुंबई सिद्धिविनायक मंदिर में ऐसे कपड़े पहनकर अब श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रवेश, ट्रस्ट ने जारी किया ‘ड्रेस कोड’

Mumbai Siddhivinayak Temple Dress Code: मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर में अब आप मनचाहे कपड़े पहनकर दर्शन नहीं कर सकेंगे. इसके लिए मंदिर ट्रस्ट ने बाकाया ड्रेस कोड जारी कर दिया है. इस कोड का उल्लंघन करने वालों को बिना दर्शन के ही बाहर से लौटा दिया जाएगा.

 

Siddhivinayak Temple: मुंबई सिद्धिविनायक मंदिर में ऐसे कपड़े पहनकर अब श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रवेश, ट्रस्ट ने जारी किया ‘ड्रेस कोड’

Mumbai Siddhivinayak Temple Dress Code News: मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में अगले सप्ताह से छोटी स्कर्ट या छोटे कपड़े पहनने वाले भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. मंदिर परिसर में आध्यात्मिक माहौल बनाए रखने के लिए मंगलवार को यह घोषणा की गई. इसके लिए श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (SSGTT) ने बाकायदा ड्रेस कोड जारी कर दिया है. ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को सभ्य और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने होंगे.

छोटे कपड़े पहनने आने वालों को अनुमति नहीं

श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (SSGTT) ने कहा कि अगले सप्ताह से छोटे या अनुचित कपड़े पहनने वाले भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मुंबई का का यह प्रसिद्ध मंदिर प्रभादेवी क्षेत्र में बना है. ट्रस्ट के मुताबिक, ‘ड्रेस कोड’ का यह निर्णय इस संबंध में आई कई शिकायतों के बाद लिया गया है. इस बारे में कई श्रद्धालुओं ने ट्रस्ट को पत्र लिखकर अनुचित कपड़े पहनकर आने वाले लोगों पर आपत्ति जताई थी. 

ये कपड़े पहनकर आने वालों पर लगाया गया बैन

ट्रस्ट की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, “कटी या फटी पतलून, छोटी स्कर्ट या ऐसे कपड़े जिनमें शरीर के अंग दिखाई देते हैं, उन्हें पहनने वाले भक्तों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही लौटा दिया जाएगा.”

लोगों ने ट्रस्ट से किया था अनुरोध

ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि ‘ड्रेस कोड’ यह सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जा रहा है कि सभी भक्त दर्शन के दौरान सहज महसूस करें और मंदिर परिसर में शिष्टाचार बनाए रखें. ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर में देश भर से प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं और कई आगंतुकों ने परिधानों के बारे में चिंता व्यक्त की थी, जो उन्हें पूजा स्थल में अपमानजनक लगते हैं. इस बारे में उन्हें बार-बार अनुरोध मिले, जिसके बाद मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह ‘ड्रेस कोड’ लागू करने का फैसला लिया गया.”

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