Ants Characteristics And Behavior: वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि चींटियों का रोल धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने चींटियों के आबादी की गणना की है और स्टडी के आधार पर इनसे जुड़ी कुछ जरूरी बातें भी बताई.
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How Many Ants On Earth: आप अगर अपने किचन में चींटियों को देखते है तो उनसे छुटकारा पाने का उपाय खोजते होंगे लेकिन वैज्ञानिकों ने इन चींटियों के बारे में बताया हैं कि अगर चींटियां धरती से खत्म हो जाएं तो जीवन का अंत होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. आज वैज्ञानिकों की बात सुनकर दुनिया के एक फेमस बायोलॉजिस्ट एडवर्ड ओ विल्सन की बात याद आती है कि छोटे जीव ही असल में इस धरती को चला रहें और उनका कहना बिल्कुल सही भी है. विल्सन के इस कथन की पुष्टि चींटियां अकेले ही करने के लिए काफी हैं.
क्या रोल अदा करती हैं चींटियां
हम सब जानते हैं कि चींटियां फूड चेन में अहम रोल अदा करती है. इसके साथ ही ये मिट्टी में हवा का लेवल बनाए रखती हैं. चींटियां जटिल ऑर्गैनिक पदार्थों को सरल ऑर्गैनिक पदार्थों के रूप में बदलती हैं. ये अन्य जीवों के लिए रहने की जगह भी बनाती हैं. बीजों के मोमेंट में भी काम करती हैं. चींटियां जमीन में ड्राई कार्बन की मात्रा को बढ़ाती हैं. चींटियां समूहों में रहकर काम करती हैं. इसके साथ ये इकोसिस्टम के बैलेंस को कंट्रोल करने में अहम रोल अदा करती हैं. चींटियां ऐसी प्राणी हैं जो हर जगह देखने को मिल जाती हैं. हर तरह के हैबिटेट में इनका निवास स्थान होता है.
कैसे की गई इनके आबादी की गणना
जिस बात से हमने इस खबर की शुरूआत की थी अब उस पर आते हैं. आखिर चींटियों की धरती पर कितनी आबादी मौजूद है? आबादी की बात से आपके दिमाग में ये सवाल तो जरूर आया होगा कि रिसर्चर ने इनकी गणना की कैसे होगी? आपको बता दें चींटियों की गणना के लिए रिसर्चर ने कई भाषाओं के लिटरेचर का रिफरेंस लिया. इनमें स्पैनिश, फ्रेंच, जर्मन, रूसी, मैंडेरिन और पुर्तगाली भाषा में भी पेपर्स शामिल थे. वैज्ञानिकों को ने करीब 498 पेपर्स का गहराई से अध्ययन किया क्योंकि सैपंलिग से चींटियों को मॉनिटर करना आसान नहीं था. वैज्ञानिकों ने स्टडी के आधार पर जो पाया, उसमें इनकी जनसंख्या 200 लाख करोड़ बताई गई इसके साथ ही पता चला कि चींटियों की धरती पर करीब 15700 प्रजातियां और उप-प्रजातियां पाई जाती है, जिनमें से कुछ ऐसी भी हैं जिनका नाम भी अब तक नहीं रखा गया है. इनकी जनसंख्या का पता लगाने के लिए ड्राई कार्बन की भी जांच की गई थी.
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