Apple AirTag: अब इस प्रोडक्ट को हवाई जहाज में नहीं ले जा सकेंगे आप! Lufthansa एयरलाइंस ने लगाई रोक, ये है वजह
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Apple AirTag: अब इस प्रोडक्ट को हवाई जहाज में नहीं ले जा सकेंगे आप! Lufthansa एयरलाइंस ने लगाई रोक, ये है वजह

Apple AirTag Banned: Apple AirTag की. इसका इस्तेमाल बहुत से लोग करते हैं. लेकिन Lufthansa एयरलाइंस ने लगेज में एयरटैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. यानी अब लगेज में ऐपल एयरटैग रखने पर मनाही होगी. अगर आप इसे रखते हैं तो आपको ऑफ करके रखना होगा.

एयरटैग

Apple AirTag Ban on this Airlines: ऐपल के हर प्रोडक्ट को लेकर लोगों में गजब का क्रेज दिखाई देता है. ऐपल के प्रोडक्ट की लोकप्रियता की वजह से इसके फीचर्स और यूजर्स की सेफ्टी है. पर एक मामले में कंपनी के ज्यादा फीचर्स की वजह से उसके एक प्रोडक्ट पर बैन लग गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं Apple AirTag की. इसका इस्तेमाल बहुत से लोग करते हैं. फ्लाइट्स में इसे यूज करने वालों की संख्या बहुत है, लेकिन Lufthansa एयरलाइंस ने लगेज में एयरटैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. यानी अब लगेज में ऐपल एयरटैग रखने पर मनाही होगी. अगर आप इसे रखते हैं तो आपको ऑफ करके रखना होगा.

कंपनी ने ICAO गाइडलाइंस का हवाला देकर लागू किया नियम

रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन ने ICAO गाइडलाइंस का हवाला देते हुए इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. ऐपल इंसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, बैगेज ट्रैकर्स खतरनाक सामान का हिस्सा हैं. इसके अलावा ट्रांसमिशन फंक्शन की वजह से ट्रैकर को फ्लाइट में ऑफ रखना जरूरी है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दावा गलत है. ICAO की जिस गाइडलाइन की बात की बात की गई है, वो लीथियम आयन बैटरी वाले डिवाइसेज के लिए है. 

जरा लगेज को लेकर पूरा नियम भी जान लें

नियम के मुताबिक, 15-inch की स्क्रीन वाले Apple Macbook Pro (सितंबर 2015 से फरवरी 2017 के बीच खरीदे हुए) बैन कैटेगरी में शामिल हैं. ऐपल एयरटैग इनके मुकाबले बहुत छोटी बैटरी पर काम करते हैं. इनमें CR2032 सेल का इस्तेमाल किया गया है, जो लीथियम आयन बैटरी नहीं है. इसलिए एयरटैग ICAO की गाइडलाइंस के तहत इस कैटेगरी में नहीं आते हैं. अगर एयरटैग  में इस्तेमाल हुए CR2032 सेल को खतरनाक माना जाता है, तो फ्लाइट में कई स्मार्टवॉच के यूज पर भी रोक लगानी होगी. हालांकि एयरलाइंस ने बैन को लेकर कोई ठोस वजह नहीं बताई है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह कदम कंपनी ने अपनी मिसमैनेजमेंट को छिपाने के लिए उठाया है.

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