Fake Vivek Ramaswamy: अमेरिका में एक यूट्यूबर शोहरत पाने के लिए नकली विवेक रामास्वामी बनकर डोनाल्ड ट्रंप की रैली में पहुंच गया. वह अंदर घुस तो गया लेकिन उसके बाद जो हुआ, उसके बारे में उसने कल्पना नहीं की थी.
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Video of Fake Vivek Ramaswamy: यूट्यूब में मशहूर होने की लत कई बार लोगों को जोखिम भरा कदम उठाने को मजबूर कर देती है. अमेरिका में भी एक यूट्यूबर ने रिपब्लिक पार्टी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे विवेक रामास्वामी से मिलती-जुलती शक्ल का फायदा उठाकर कुछ ऐसा कर दिया कि लोग हैरान हैं. यूट्यूबर की हरकत पर जहां कई लोग हंसकर मजे ले रहे हैं, वहीं कई लोग ट्रंप की सिक्योरिटी पर सवाल उठा रहे हैं. आखिर उसने ऐसा कर डाला कि वह अब चर्चा में है, इसके बारे में हम विस्तार से बताते हैं.
मिलते- जुलते चेहरे का उठाया फायदा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एक यूट्यूबर है, जो 'दोहा द एक्सप्लोरर' के नाम से अपना चैनल चलाता है. एक बार उसका वीडियो देख कई लोगों ने कमेंट किया कि तुम्हारा चेहरा विवेक रामास्वामी से मिलता- जुलता है. इस पर उसे नकली विवेक रामास्वामी बनकर लोगों से प्रैंक करने और वीडियो बनाने का आइडिया आया. इत्तेफाक से उसी दौरान मोंटाना में डोनाल्ड ट्रम्प की रैली भी होने वाली थी. इससे उसे अपने आइडिया को अमल में लाने का मौका भी मिल गया.
ट्रंप की रैली में घुसने का बनाया प्लान
सोच-विचार के बाद यूट्यूबर ने ट्रंप की रैली में जाने का फैसला किया. उसने इस रैली के लिए अपने 6 टारगेट सेट किआ. जिनमें से पहला था कि मोंटाना जाने के लिए फ्लाइट पकड़ना, दूसरा विवेक रामास्वामी की तरह ड्रेस अप करना, ट्रंप की रैली में शामिल होना, चौथा सीनटरें और गवर्नरों से मिला, रैली में शामिल लोगों में कंफ्यूजन पैदा करना और अंत में ट्रंप के साथ एक सेल्फी क्लिक करना. खुद को किसी तरह की कानूनी मुसीबत से बचाने के लिए उसने वीडियो पर यह डिसक्लेमर डाल दिया कि यह वह केवल मनोरंजन के लिए शूट करने जा रहा है.
देखें वीडियो
आईकार्ड न होने पर प्रेस गैलरी से निकाल दिया
हैरत की बात रही कि यूट्यूबर की योजना लगभग पूरी तरह सफल हो गई और वह आराम से वीवीआईपी एरिया में पहुंच गया हालांकि वहां मौजूद सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने उन्हें जर्नलिस्ट समझकर वहां से निकाल दिया. इसके बाद यूट्यूबर ने रिपब्लिकन पार्टी के नेता टिम शेही का इंटरव्यू लिया. सीक्रेट सर्विस एजेंटों को उस पर शक हुआ और जब उससे प्रेस से जुड़े आईकार्ड मांगे गए तो वह नहीं दिखा, जिसके बाद उसे प्रेस गैलरी से भी बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद उसने बाहर आकर वीडियो बनाने में इस्तेमाल होने वाला कैमरा कार में रखा और मोबाइल लेकर दोबारा रैली में पहुंच गया.
विवेक रामास्वामी समझ लोग लेने लगे सेल्फी
इस बार उसके साथ और भी मजेदार वाकया हो गया. वहां पहुंचते ही कई लोगों ने उसे विवेक रामास्वामी समझ लिया और वे उसके साथ सेल्फी लेने लगे. इसके बाद यूट्यूबर ने ट्रंप के साथ सेल्फी लेने की काफी कोशिश में वह मंच तक पहुंच गया लेकिन वह नाकामयाब रहा. ब्लॉगर के इस वीडियो पर लोग तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं. कोई इसे मजेदार बताकर उसकी तारीफ कर रहा है तो कोई कह रहा है कि उसने ट्रंप के मंच तक पहुंचकर अमेरिका में सुरक्षा एजेंसियों के काम करने के तरीके की पोल खोल दी.
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