United Nations Report: इस सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ सदस्य देशों ने अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों में बड़े पैमाने पर हथियारों और सैन्य उपकरणों के लेनदेन पर चिंता जताई थी.
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Tehreek E Taliban: संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट (United Nations report) में खुलासा किया है कि तालिबान और अलकायदा से जुड़े तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे खतरनाक आतंकी संगठन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization-NATO) की क्षमता वाले हथियारों को आईएसआईएल-के (ISIL-K) को ट्रांसफर कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश सैन्य उपकरणों के अफगानिस्तान और आसपास के देशों में प्रसार को लेकर चिंता जता रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर आईएसआईएल (ISIL) के खतरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की 17वीं रिपोर्ट में कहा गया कि UN के सदस्य अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में आतंकी संगठनों द्वारा हथियारों के खुलेआम लेन-देन को लेकर चिंतित हैं, खासतौर पर दाएश और उसके सहयोगियों तक छोटे और हल्के हथियारों की पहुंच को लेकर. रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने मानवरहित विमान प्रणाली और परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (Unmanned Aircraft Systems and Improvised Explosive Devices) के बढ़े इस्तेमाल को भी लेकर चिंता जताई है.
इस सप्ताह में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ सदस्य देशों ने अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों में बड़े पैमाने पर हथियारों और सैन्य उपकरणों के प्रसार पर चिंता जताई थी. अफगानिस्तान के आसपास के देशों ने सूचना दी है कि अफगान नेशनल डिफेंस और सुरक्षा बलों से संबद्ध नाटो के टक्कर के हथियारों को तालिबान और अलकायदा से जुड़े तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट जिसे ‘तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (ETIM/TIP) जैसे संगठन आईएसआईएल-के को ट्रांसफर कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक संघर्ष के केंद्र रहे स्थान पर दाएश अब कम, आसान और छोटे आईईडी (IED) बना रहा है और आत्मघाती हमलावरों को अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया है ताकि आतंकी लड़ाकों की क्षति को कम किया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि दाएश ने अपने कथित सांगठनिक ढांचे में उद्योग समिति बनाई है जो हथियारों के आधुनिकीकरण पर काम कर रही है जिनमें आईईडी और ड्रोन के हथियार क्षमता बढ़ाना शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सदस्य देशों का आकलन है कि इस्लामिक स्टेट इन इराक ऐंड द लेवेंट - खोरसान अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र के लिए सबसे गंभीर खतरा है.
इस समूह ने अफगानिस्तान में अपनी मारक क्षमता बढ़ा ली है और एक अनुमान के मुताबिक इस आतंकवादी संगठन में 4000-6000 लड़ाके हैं. कुछ सदस्य देश सनाउल्लाह घफारी (उर्फ शहाब अल मुहाजिर) को आईएसआईएल-के का सबसे अधिक महत्वकांक्षी नेता मानते हैं. वहीं, एक सदस्य देश ने कहा है कि घफारी जून में अफगानिस्तान में मारा जा चुका है.
(इनपुट: एजेंसी)