US Army: पेंटागन ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हाल के दिनों में कई बार हमला किया गया, साथ ही यह भी कहा कि वाशिंगटन ईरान समर्थित समूहों की गतिविधि के लिए अलर्ट पर है क्योंकि इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर हमला करना जारी रखा है.
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Attack On US Army: इजरायल फिलिस्तीन युद्ध के बीच कई अन्य देशों में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. खबर है कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले बढ़े हैं. अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत ने ईरान-गठबंधन हौथी आंदोलन द्वारा यमन से लॉन्च की गई मिसाइलों और ड्रोन को रोक दिया है. पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि मिसाइलों को संभावित रूप से इजरायल में लक्ष्यों की ओर लॉन्च किया गया था.
दरअसल, अमेरिका के इराक में 2,500 और सीरिया में 900 से ज्यादा सैनिक हैं. ये आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय सुरक्षाबलों को सलाह और मदद देने का काम करते हैं. पेंटागन ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हाल के दिनों में कई बार हमला किया गया, साथ ही यह भी कहा कि वाशिंगटन ईरान समर्थित समूहों की गतिविधि के लिए अलर्ट पर है क्योंकि इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर हमला करना जारी रखा है. पेंटागन के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने कहा कि यमन से दागी गई तीन जमीनी हमले वाली क्रूज मिसाइलों और कई ड्रोनों को मार गिराया गया है.
फिलहाल इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि युद्धपोत लक्ष्य नहीं था. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि ये मिसाइलें और ड्रोन किस लक्ष्य को निशाना बना रहे हैं, लेकिन इन्हें यमन से लाल सागर के उत्तर की ओर, संभावित रूप से इजरायल में लक्ष्य की ओर लॉन्च किया गया था."
ब्रिगेडियर राइडर ने कहा कि गतिविधि की प्रकृति के बारे में जानकारी अभी भी संसाधित की जा रही थी और हमला जारी हो सकता है. पेंटागन ने कहा कि इराक में अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय बलों के आवास वाले कई ठिकानों पर ड्रोन और रॉकेट दागे गए हैं. बताया गया कि एक हमले में कम संख्या में सैनिक घायल हुए हैं. इराकी आतंकवादी समूहों ने गाजा में हमास के खिलाफ इजरायली कार्रवाई का समर्थन करने के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी दी थी.
रक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन हमलों को हिजबुल्ला की धमकी से जोड़कर देखा जा रहा है. मंगलवार रात गाजा के एक अस्पताल में इजरायल के हमले में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद ईरान समर्थित हिजबुल्ला ने बयान जारी कर तबाही के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया था और इराक में अमेरिका की मौजूदगी पर सवाल उठाया था.