Narak Chaturdashi 2023: आज है छोटी दिवाली या रूप चतुर्दशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Choti Diwali, Narak Chaturdashi 2023: आज छोटी दिवाली है. इसे नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है. चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने माता अदिति के आभूषण चुराकर ले जाने वाले निशाचर नरकासुर का वध कर 16 हजार कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी. परंपरा में इसे शारीरिक सज्जा और अलंकार का दिन भी माना गया है. इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 11, 2023, 08:26 AM IST
  • आज होती है यमराज की पूजा
  • घर के कोनों में जलाते हैं दीया
Narak Chaturdashi 2023: आज है छोटी दिवाली या रूप चतुर्दशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्लीः Choti Diwali, Narak Chaturdashi 2023: आज छोटी दिवाली है. इसे नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है. चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने माता अदिति के आभूषण चुराकर ले जाने वाले निशाचर नरकासुर का वध कर 16 हजार कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी. परंपरा में इसे शारीरिक सज्जा और अलंकार का दिन भी माना गया है. इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है. 

इस दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में हल्दी, चंदन, सरसों का तेल मिलाकर उबटन तैयार कर शरीर पर लेप कर उससे स्नान कर अपना रूप निखारेंगी. नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. नरक चतुर्दशी को कई और नामों से भी मनाया जाता है जैसे- नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि. दीपावली से पहले मनाए जाने के कारण इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है. घर के कोनों में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है.

जानिए आज का पंचांग
तारीखः 11 नवंबर
वारः शनिवार
तिथिः त्रयोदशी (दोपहर 1.58 बजे तक इसके बाद चतुर्दशी तिथि)

मासः कार्तिक
पक्षः कृष्ण
नक्षत्रः चित्रा (1.47 बजे तक इसके बाद स्वाति नक्षत्र)

करणः वणिज (दोपहर 1.58 बजे तक इसके बाद शकुनि करण)
योगः प्रीति योग (शाम 4.58 बजे तक इसके बाद आयुष्मान योग)
चंद्रमा का दोपहर 1.02 बजे तक कन्या इसके बाद तुला राशि में संचरण

सूर्योदयः सुबह 6.40 बजे
सूर्यास्तः शाम 5.29 बजे तक
दिशाशूलः पूर्व

विक्रमी संवतः 2080
शक संवतः 1945 शोभकृत

चन्द्रबल और ताराबल
ताराबलः भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबलः मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.55 बजे से 5.47 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 1.53 बजे से 2.36 बजे तक रहेगा. इसके अलावा गोधूलि बेला शाम 5.30 बजे से 5.56 बजे तक रहेगी. वहीं अमृत काल सुबह 8.01 बजे से 9.22 बजे तक रहेगा. निशीथ काल आधी रात 11.39 से 12.32 बजे तक रहेगा.

आज का अशुभ मुहूर्त
आज राहुकाल सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक रहेगा. यमगंड दोपहर 1.30 बजे से 3.30 बजे तक रहेगा. गुलिक काल सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक रहेगा. इसी तरह दुर्मुहूर्त काल सुबह 6.40 बजे से 7.23 बजे तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 7.23 बजे से 8.07 बजे तक रहेगा.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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