पाकिस्तान में हो रहा जनसंख्या विस्फोट! सरकार तक चौंकी, जानें भारत के लिए क्यों चिंता की बात?

नई जनगणना के मुताबिक पाकिस्तानी जनसंख्या बेहद तेज रफ्तार से बढ़ रही है और इसे लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तक चिंता जाहिर कर चुके हैं.  वहीं भारतीय सुरक्षा बलों के लिए पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ हमेशा मुश्किल का सबब रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 10, 2023, 09:44 AM IST
  • पाकिस्तान में जनसंख्या विस्फोट
  • भारत की बढ़ रही मुश्किलें
पाकिस्तान में हो रहा जनसंख्या विस्फोट! सरकार तक चौंकी, जानें भारत के लिए क्यों चिंता की बात?

नई दिल्ली. भारत इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है. यह 'तमगा' भारत ने कुछ ही समय पहले हासिल किया है और चीन को पीछे छोड़ अब हम दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश बन चुके हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि भारत में जनसंख्या वृद्धि दर लगातार कम हो रही है. 1990 के दशक से भारत की जनसंख्या वृद्धि दर लगातार कम हो रही है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यह ग्रोथ रेट 1.6 प्रतिशत थी जो 2023 में घटकर 0.81% तक आ चुकी है. लेकिन इस बीच जनसंख्या के मामले में दुनिया में नंबर वन हो चुके भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के हालात और भी ज्यादा बुरे हो चुके हैं. नई जनगणना के मुताबिक पाकिस्तानी जनसंख्या बेहद तेज रफ्तार से बढ़ रही है और इसे लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तक चिंता जाहिर कर चुके हैं. 

नई जनगणना के आंकड़े क्या कहते हैं?
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की आबादी पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान को छोड़कर बीती 12 मई तक 24 करोड़ के पार थी. यह डेटा 2017 में हुई जनगणना में 21 करोड़ के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. वहीं बीते सप्ताह तक पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान की आबादी तकरीबन 60 लाख थी. यानी अगर सारे आंकड़े मिला दें तो पाकिस्तान की आबादी इस वक्त लगभग 25 करोड़ है और 2.55% की तेज ग्रोथ रेट है. यह भारत के मुकाबले लगभग तीन गुना से भी ज्यादा है. 

प्रांतों में कितनी है ग्रोथ रेट
जनगणना के मुताबिक पंजाब में जनसंख्या वृद्धि दर 2.53%, सिंध में 2.57%, बलोचिस्तान में 3.2% तो खैबर पख्तुनख्वाह में 2.38% है. देश की राजधानी इस्लामाबाद में ग्रोथ रेट 2.81 प्रतिशत है. 

एक दशक के भीतर दो बार जनगणना
देश में एक दशक के दौरान दो बार जनगणना करानी पड़ी है. दूसरी बार जनगणना का निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली काउंसिल ने लिया था. दूसरी बार जनगणना कराने का निर्णय सिंध की सरकार की आपत्ति के बाद लिया गया था.सिंध की सरकार का कहना था कि 2017 की जनगणना में राज्य की आबादी कम करके बताई गई. इमरान सरकार के निर्णय के तहत इस साल 1 मार्च से 15 मई के बीच दूसरी बार जनगणना की गई है. 

पाकिस्तानी लीडरशिप भी हैरान
दूसरी बार जनगणना के नतीजों ने देश की लीडरशिप को भी हैरान कर दिया है. 9 अगस्त को अपना कार्यकाल समाप्त करने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तक ने जनसंख्या वृद्धि दर पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि बीते 6 वर्षों के दौरान देश की आबादी 3.5 करोड़ बढ़ी है जो चिंताजनक बात है. शहबाज शरीफ ने इस बात पर भी जोर दिया था कि देश की जनसंख्या वृद्धि दर आर्थिक वृद्धि दर से ज्यादा है. इसे नियंत्रित करने के लिए शरीफ ने इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने पर भी जोर दिया था. 

भारत के लिए क्यों चिंता का सबब
भारतीय सुरक्षा बलों के लिए पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ हमेशा मुश्किल का सबब रही है. ऐसे में पाकिस्तान की बढ़ती जनसंख्या भविष्य में घुसपैठ के साथ शरणार्थी संकट को गहरा कर सकती है. ऐसे में सुरक्षा बलों को सीमाओं पर घुसपैठ रोकने के लिए और भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है. देश में पूर्वी सीमाओं से घुसपैठ की समस्या पहले भी रही है. ऐसी ही समस्या पश्चिमी सीमाओं से भी सामने आ सकती है.

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