नई दिल्ली: पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने शनिवार को इमरान खान पर अपनी पार्टी के खिलाफ प्रतिबंधित फंडिंग मामले में अदालती सुनवाई से बचने के लिए अपनी अंतरिम जमानत का ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया और पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच के लिए एक विशेष मेडिकल बोर्ड के गठन की मांग की.
फिर बढ़ सकती हैं इमरान खान की मुश्किलें
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पिछले साल अक्टूबर में खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अन्य नेताओं के खिलाफ कथित रूप से प्रतिबंधित धन प्राप्त करने को लेकर इस्लामाबाद स्थित बैंकिंग अदालत में मामला दायर किया था. हालांकि, खान पिछले साल नवंबर के बाद से किसी भी सुनवाई में शामिल नहीं हुए हैं. वह नवंबर में पंजाब के वजीराबाद इलाके में उनकी रैली में हुए हमले में घायल हो गए थे.
पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के प्रयास के दौरान गोली लगने के बाद इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. इसके बाद चिकित्सा कारणों से उन्हें तब से अपनी जमानत का विस्तार मिला है. एफआईए ने शनिवार को मामले की सुनवाई कर रही बैंकिंग अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया कि खान की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए.
रियायत का दुरुपयोग करने का लगा आरोप
एफआईए ने अदालत में प्रस्तुत एक आवेदन में कहा, 'अंतरिम जमानत मिलने के बाद, आरोपी रियायत का दुरुपयोग कर रहा है और इस माननीय अदालत के सामने पेश नहीं हो रहा है. वास्तव में, वह कानूनी प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहा है और आज तक न तो वह जांच में शामिल हुआ है और न ही वह अदालत में पेश हो रहा है.'
आवेदन में कहा गया है कि शौकत खानम कैंसर अस्पताल से एक 'स्टीरियोटाइप (एसआईसी) मेडिकल सर्टिफिकेट' पेश किया जा रहा था, जब खान को हड्डी रोग से जुड़ी समस्या थी. एजेंसी ने दावा किया कि खान द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट एक अस्पताल द्वारा जारी की गई थी, जिसका 'स्वामित्व' उनके पास था, 'इस प्रकार उक्त रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं हैं.'
जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन की मांग
एफआईए ने आग्रह किया कि न्याय और निष्पक्ष जांच के लिए, खान की राजधानी के दो प्रतिष्ठित सरकारी अस्पतालों, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज या पॉलीक्लिनिक के डॉक्टरों द्वारा जांच की जानी चाहिए. इसने अदालत से अनुरोध किया कि खान की स्वास्थ्य जांच के लिए एक आदेश पारित किया जाए और बोर्ड को निर्देश दिया जाए कि वह उनके पैर में लगी चोटों के आलोक में पूर्व-प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य या गतिशीलता पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
बैंकिंग अदालत के न्यायाधीश रसखिंडा शाहीन ने सुनवाई करने के बाद घोषणा की कि खान को 28 फरवरी को तलब किया जाना चाहिए. मामला, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को प्रतिबंधित विदेशी स्रोतों से मिलने वाले धन का है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पिछले साल पार्टी को इस बात को छिपाने का दोषी पाया कि उसने धन प्राप्त किया था और खान को भी अयोग्य घोषित कर दिया था.
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