शुगर के साथ मोटापे को कम करेगी ये आयुर्वेदिक दवा, एम्स की रिसर्च में किया गया दावा
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शुगर के साथ मोटापे को कम करेगी ये आयुर्वेदिक दवा, एम्स की रिसर्च में किया गया दावा

AIIMS Reserach: एम्स के शोधार्थियों ने तक़रीबन तीन साल की रिसर्च के बाद दावा किया है कि आयुर्वेदिक दवा बीजीआर-34  शुगर के साथ-साथ मोटापा कम करने में काफी असरदार है. इस दवा में कई अहम औषधियां शामिल हैं.

शुगर के साथ मोटापे को कम करेगी ये आयुर्वेदिक दवा, एम्स की रिसर्च में किया गया दावा

Ayurvedic Drug BGR-34: आज के समय में मोटापे की समस्या पहले की मुक़ाबले ज़्यादा बढ़ गई है. लोग इससे छुटकारा पाने के लिए कई प्रकार के जतन करते हैं, लेकिन फिर में मोटापे की समस्या कम नहीं होती है. अब नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक रिसर्च की है. एम्स के शोधकर्ताओं ने तक़रीबन तीन बरसों तक की गई रिसर्च के बाद नतीजे जारी किए हैं.  एम्स की नई रिसर्च में दावा किया गया है कि आयुर्वेद दवा बीजीआर-34 मोटापा कम करने में काफी असरदार है. इस दवा में कई अहम औषधियां भी शामिल हैं.

3 साल की रिसर्च के बाद आए परिणाम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों की एक टीम ने पाया है कि आयुर्वेद की मधुमेह रोधी दवा 'बीजीआर-34' दीर्घकालीन रोगों से ग्रस्त मरीज़ों में मोटापा कम करने के साथ-साथ उपापचय (मेटाबोलिज़्म) तंत्र में सुधार करने में भी असरदार है. एम्स के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सुधीर चंद्र सारंगी की निगरानी में तीन साल तक चली रिसर्च के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची कि ये दवा मोटापे को कम करने में मददगार साबित होगी.

'बीजीआर-34' मोटापे और शुगर को कम करने में असरदार: एम्स

'बीजीआर-34' दवा को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद तैयार किया है. यह कई तरह के हर्बल को मिलकर बनाई गई है. रिसर्च का मक़सद इस बात की पड़ताल करना था कि क्या यह दवा अपने आप में असरदार है या इसका एलोपैथ की अन्य दवाओं के साथ भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके नतीजे में पता चला कि यह दवाई अकेले ही काफी कारगर है जो न सिर्फ ब्लड में शर्करा की मात्रा को कम करती है बल्कि कुछ और फायदे भी पहुंचाती है, जिसमें मोटापे को कम करना भी शामिल है.

मार्च 2019 में शुरू की गई थी रिसर्च

रिसर्च के मुताबिक़, 'लिपिड प्रोफाइल' कंट्रोल रहने से दिल की बीमारियों का ख़तरा कम होता है जबकि 'हार्मोन प्रोफाइल' बिगड़ने से भूख नहीं लगना, नींद नहीं आना आदि जैसी परेशानियां पैदा होती हैं. यह अध्ययन मार्च 2019 में शुरू किया गया था. बीजीआर-34 दवा पर की गई एम्स की रिसर्च को जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा.

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