Minara Masjid Controversy: मुंबई की मीनारा मस्जिद को लेकर काफी विवाद हो रहा है. वजह है नया ट्रस्टी का नियुक्त होना, जिसका काफी लोग विरोध करते नजर आ रहे हैं.
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Minara Masjid Controversy: महाराष्ट्र की मीनारा मस्जिद को लेकर विवाद जारी है. शहर की अहम मस्जिदों में से एक मीनारा मस्जिद मोहम्मद अली रोड पर मौजूद है. इस मस्जिद के मैनेजमेंट को संभालने लिए वक्फ की तरफ से बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की नियुक्ति की है. जिससे समाजवादी पार्टी सहित कई मुस्लिम नेता नाराज नजर आ हे हैं. कई पॉलीटिकल पार्टी आने वाले विधानसभा के बजट सेशन के दौरान यह मुद्दा उठा सकती हैं.
इस मामले को लेकर आबू आसिम आजमी का कहना है कि भविष्य में दूसरी मस्जिदो में भी मनमानी कार्रवाई हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने सीईओ जुनैद सईदी की आलोचना की है और कहा है कि ऐसा करने से उन्हें फायदा होने वाला है. अबू आजमी ने कहा कि एक सदी से भी ज्यादा पुरानी मस्जिद में गैर मेमन समुदाय के ट्रस्टी की नियुक्ती अवैध है और यह ट्रस्ट डीड का उल्लंघन करता है.
अबू आजमी का कहना है कि यह पूरी तरह से मनमाना आदेश है. क्योंकि ये नियुक्ति मौजूदा ट्रस्टियों की सुनावई किए बिना आया है और गैर मेमन को ट्रस्ट में नियुक्त नहीं किया जा सकता है.
मीनारा मस्जिद ट्रस्ट की स्थापना साल 1879 में बॉम्बे हाई कोर्ट के जरिए की गई थी. इसके बाद महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के अधिनियमन के बाद ट्रस्ट को बॉम्बे चैरिटी कमिश्नर को शिफ्ट कर दिया था. तभी से यह ट्रस्ट महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के मुताबिक चलाया जा रहा है. अबू आजमी का कहना है कि यह एक ट्रस्ट है और वक्फ को इस मामले में आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है.
आबू आसिम आजमी का कहना है कि वह जल्द ही व्यक्तिगत तौर पर मीनारा मस्जिद का दौरा करेंगे और कई बड़े विद्वानों जैसे जरत खालिद अशरफ, हजरत मोइनमियां, मौलाना जहीरुद्दीन खान साहब और सईद नूरी से चर्चा करेंगे.