Indore teen Talaaq: यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है, जहाँ एक शौहर ने अपनी पत्नी को तीन तलाक देकर दो बच्चों के साथ घर से बाहर निकाल दिया है. पत्नी का इलज़ाम है कि शौहर के ‘अवैध संबंधों’ के विरोध करने पर उसने उसे तलाक दे दिया है.
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इंदौर: सरकार ने भले ही एक साथ तीन तलाक को कानून बनाकर बैन कर दिया है और ऐसा करने को अपराध घोषित कर दिया है, लेकिन मुस्लिम समाज में इस कानून को लेकर कोई खौफ नहीं है. रोजाना देश के अलग- अलग राज्यों से तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं. अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि तीन तलाक कानून बनने के बाद इसके कितने मामले दर्ज किये गए हैं और कितने पुरुषों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया गया है ?
देश में तीन तलाक के खिलाफ सामजिक लोक विमर्श आज से 47 साल पहले मध्य प्रदेश के इंदौर में शाह बानो केस के साथ हुआ था, लेकिन आज 47 साल बाद इसके खिलाफ कानून बनने के बाद भी तीन तलाक पर बैन नहीं लग पाया है. अभी एक ताज़ा मामला इंदौर से आया है, जहाँ एक शौहर ने अपनी बीवी को एक साथ तीन तलाक देकर दो बच्चों के साथ घर से निकाल दिया है.
क्या है मामला ?
खजराना पुलिस थाने के एक अफसर ने बताया कि 25 वर्षीय तीन तलाक़ पीड़ित महिला और आरोपी शौहर का निकाह साल 2018 में हुआ था. शादी के बाद उनके दो बच्चे हुए. महिला का इलज़ाम है कि उसके मंदसौर निवासी शौहर के कुछ महिलाओं के साथ नाजायज़ ताल्लुकात है. इस बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता है. इसका विरोध जताए जाने पर एक दिन उसके पति ने उसे एक साथ तीन बार तलाक बोलकर और उसे दोनों बच्चों समेत अपने घर से बाहर निकाल दिया. बीवी का इल्ज़ाम है कि उसका शुहर अकसर उसे "जाहिल "और "अनपढ़" कहकर उसकी बेइज्जती भी करता था. बीवी ने अपने सास-ससुर के खिलाफ भी दहेज की मांग को लेकर उसे जिस्मानी और दिमागी तौर पर परेशान करने का इल्ज़ाम लगाया है.
क्या कर रही पुलिस और कानून
इस मामले में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत पर उसके पति और सास-ससुर पर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून 2019 और दूसरे सम्बंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. महिला के इल्जामों की जांच के बाद मामले में अगला कदम उठाए जाएंगे. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून 2019 एक साथ तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म करने की प्रथा पर रोक लगाता है. इस कानून में मुजरिम के लिए तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है. लेकिन कानून बनने के बाद भी इस तरह के मामलों में कोई कमी नहीं आयी है. एक साथ तीन तलाक, फ़ोन पर तलाक और व्हाट्सएप पर तलाक दिए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.