इजरायल-हमास जंग से आजिज लेबनान के इस यूनिक फैसले से बिलबिला उठा हिजबुल्‍लाह !
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इजरायल-हमास जंग से आजिज लेबनान के इस यूनिक फैसले से बिलबिला उठा हिजबुल्‍लाह !

Lebanon New Prime Minister Nawaf Salam : दो सालों से कार्यवाहक सरकार के भरोसे चल रहे लेबनान में इजरायल-हमास जंगबंदी के साथ ही नई सरकार के गठन का रास्ता साफ़ हो गया है. लेकिन अमेरिका समर्थित नवाफ सलाम के प्रधानमंत्री का उमीदवार घोषित होने के बाद हिजबुल्लाह इस सरकार में  अलग-थलग पड़ गया है, और वह नाराज़ चल रहा है.

नवाफ सलाम

बेरुत: लेबनान में सत्ता परिवर्तन होते ही पड़ोसी देश इसराइल को लेकर लेबनान की रणनीति बदली हुई दिख रही है.  इस बदलाव से हिजबुल्ला बुरी तरह खफा हो गया है. नए राष्ट्रपति ने देश के प्रमुख राजनयिक और न्यायविद नवाफ सलाम (Prime Minister Nawaf Salam) से देश की नई सरकार गठन करने के लिए आमंत्रित किया है. इससे पहले सोमवार को बड़ी संख्या में विधायकों द्वारा सलाम को प्रधान मंत्री नामित किया गया था. सलाम द्वारा विधायकों से बहुमत हासिल करने के तुरंत बाद, कुछ लोगों ने उनके नामांकन और पिछले हफ्ते सेना कमांडर जनरल के चुनाव की उम्मीद के बीच बेरूत की सड़कों पर आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया था. इस कदम से जाहिर तौर पर हिजबुल्लाह समूह और उसके सहयोगी नाराज हो गए हैं.

दो साल बाद  लेबनान को मिलेगी पूर्णकालिक सरकार 
गौरतलब है कि लेबनान को दो साल से ज्यादा वक़्त से कार्यवाहक सरकार द्वारा चलाया जा रहा है और राष्ट्रपति पद पर 26 महीने की वकेंसी  के बाद जोसेफ औन को चुना गया था. औन और विधायकों के बीच परामर्श के बाद, नवाफ सलाम को 84 प्रतिनिधियों की हिमायत मिली है, जबकि निवर्तमान प्रधान मंत्री नजीब मिकाती को सिर्फ नौ वोट मिले हैं. 128 सदस्यीय विधायिका के चौंतीस विधायकों ने मतदान में  हिस्सा ही  नहीं लिया. वोटिंग के नतीजे आने के तुरंत बाद मिकाती ने सलाम को फोन किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं. राष्ट्रपति ओहदे के महानिदेशक एंटोनी शौकिर ने परामर्श के बाद संवाददाताओं से कहा कि नवाफ सलाम अब मनोनीत प्रधान मंत्री हैं, उन्होंने कहा कि वह इस वक़्त लेबनान से बाहर हैं, और आने वाले घंटों में वापस आ जाना चाहिए. 

सलाम के चयन से हिजबुल्लाह नाराज़ 
ख़ास बात यह है कि न तो औन और न ही सलाम को देश के राजनीतिक वर्ग का हिस्सा माना जाता है. पिछले वर्षों में, हिजबुल्लाह ने सलाम को अमेरिका समर्थित उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए बार-बार प्रधानमंत्री के लिए उन्हें एक नाकाबिल उमीदवार बताया है. हिजबुल्लाह अमेरिकी कब्जाधारियों को मुल्क छोड़ने , अपने  कैदियों को वापस लाने और देश के पुनर्निर्माण की मांग उठाता रहा है. सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव ने इजराइल-हिजबुल्लाह जंग को ख़त्म कर दिया है. इसके बाद हिजबुल्लाह के संसदीय गुट के प्रमुख मोहम्मद राद ने राष्ट्रपति औन के साथ बैठक के बाद कहा कि हिजबुल्लाह ने पिछले हफ्ते औन को चुनकर अपना हाथ बढ़ाया था और वे उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें एक विस्तारित हाथ मिलेगा.  लेकिन यह क्या हो गया, उनका तो हाथ ही काट दिया गया. हिजबुल्लाह की यह प्रतिक्रिया नवाफ सलाम के प्रधानमंत्री के रूप में मनोनय के बाद आई है. 

नवाफ सलाम के सामने एक कठिन चुनौतियाँ 
इजराइल के साथ संघर्ष विराम के बाद नवाफ सलाम (Prime Minister Nawaf Salam) के सामने एक कठिन चुनौतियाँ होंगी. उन्हें इस देश को ऐतिहासिक पांच साल की आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए काम करना होगा.  कई लोग सलाम को 14 महीने के इज़राइल-हिजबुल्लाह जंग के बाद उमीद की एक किरण के तौर पर देखते हैं. इस जंग में अबतक 4,000 लोग मारे गए और 16,000 से ज्यादा ज़ख़्मी हो गए.  इस जंग में देश का लाखों डॉलर का नुक्सान हुआ.  आर्थिक संकट के परिणामस्वरूप मुल्क का बैंकिंग सेक्टर ध्वस्त होने के बाद से हजारों लेबनानी लोगों ने अपनी बचत खो दी है.  पिछले हफ्ते राष्ट्रपति के रूप में जोसेफ औन के चुनाव और सोमवार को सलाम के नामांकन से पश्चिमी और तेल समृद्ध अरब देशों से लेबनान की तरफ धन का प्रवाह होने की संभावना है. जोसेफ औन विदेशी दानदाताओं द्वारा किए गए अरबों डॉलर के निवेश और क़र्ज़ को जारी करने में नवाफ की मदद कर सकते हैं.  

कौन हैं नवाफ सलाम ?   
नवाफ सलाम (Prime Minister Nawaf Salam) इस वक़्त अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के प्रमुख के रूप में काम कर रहे हैं. उनका नामांकन पश्चिमी समर्थित समूहों के साथ-साथ लेबनानी संसद में निर्दलीय उम्मीदवारों के जरिये किया गया था. सलाम को सऊदी अरब और पश्चिमी देशों की भी हिमायत हासिल है.  सलाम ने फ्रांस के प्रतिष्ठित साइंसेज पो यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट (Ph.D) के साथ-साथ फ्रांस के सोरबोन यूनिवर्सिटी से इतिहास में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. उनके पास हार्वर्ड लॉ स्कूल से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री भी है. सलाम ने बेरूत के अमेरिकी यूनिवर्सिटी सहित कई दीगर विश्वविद्यालयों में लेक्चरार के तौर पर काम किया है.  2007 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र (UNO) में लेबनान का राजदूत नियुक्त किया गया था, जहाँ उन्होंने 10 सालों  तक सेवा की.  2018 में, सलाम को ICJ में जज के तौर पर चुना गया था. पिछले साल फरवरी में ही उन्हें अदालत (ICJ) के सदर के रूप में चुना गया था और वह इस ओहदे पर पहुँचने वाले पहले लेबनानी नागरिक बन गए थे.  सलाम ने  मशहूर पत्रकार सहर बासिरी से शादी की है, जो लेबनान के प्रमुख अन-नाहर दैनिक में कई वर्षों तक एक स्तंभकार थीं. 

 

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