भारत के 12 राज्यों में 7 जनवरी तक JN.1 सब-वेरिएंट से जुड़े COVID-19 के मामलों की संख्या 682 तक पहुंच गई है. कर्नाटक में 199 मामले दर्ज किए जाने के बाद केरल में 148 और महाराष्ट्र में 139 मामले दर्ज किए गए. मामलों में बढ़ती प्रवृत्ति के बीच, अधिकारियों का कहना है कि ज़्यादातर संक्रमण हल्के होते हैं, और व्यक्ति घर पर ही उनका इलाज कर रहा है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 7 जनवरी तक कोविड-19 के नए वेरिएंट के जेएन.1 मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी है. अधिकारीयों के अनुसार 7 जनवरी तक 12 राज्यों में कोविड-19 सब-वेरिएंट जेएन.1 के मामलों की संख्या बढ़कर 682 हुई. उनके मुताबिक कर्नाटक से 199, केरल से 148, महाराष्ट्र से 139, गोवा से 47, गुजरात से 36, आंध्र प्रदेश से 30, राजस्थान से 30, तमिलनाडु से 26, दिल्ली से 21, ओडिशा से तीन, और एक मामला तेलंगाना और एक हरियाणा से सामने आया है.
कितनी चिंता जनक है ये बात?
हालांकि कोविड के नए वरिएंत का बढ़ते मामले एक चिंता का विषय जरुर है मगर अधिकारियों का कहना है कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है और देश में जेएन.1 सब-वेरिएंट का पता चला है, लेकिन अब तक ये नया वेरिएंट तत्कालीन चिंता के विषय के तौर पर सामने नही आया है क्योंकि संक्रमित लोगों में से ज़्यादातर लोग घर पर ही इसका इलाज कर रहे हैं, जो इस बात की तरफ इशारा करता है की बीमारी हल्की है. देश में कोविड मामलों में बढ़ोतरी और जेएन.1 सब-वेरिएंट का पता चलने के बाद केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगातार नज़र बनाए रखने को कहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों से COVID-19 के लिए दिए गये सभी दिशानिर्देशों और बनाई गयी सभी योजनाओ को प्रभावी तौर से पालन करने का आग्रह किया है. उन्होंने बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते जल्दी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों की नियमित रूप से निगरानी करने और रिपोर्ट करने को कहा है.
WHO ने तेजी से बढ़ते कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट को देखते हुए JN.1 को एक अलग 'वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट' के रूप में रखा है.