Budaun Jama Masjid विवाद केस में आज सुनवाई, कोर्ट इस बात का करेगा फैसला
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Budaun Jama Masjid विवाद केस में आज सुनवाई, कोर्ट इस बात का करेगा फैसला

Budaun Jama Masjid: बदायूं जामा मस्जिद मामले में आज सुनवाई होनी है. कोर्ट इस बात का फैसला करना है कि इस मामले में चल रही कार्यवाही जारी रहनी चाहिए या नहीं. पूरी खबर पढ़ें.

Budaun Jama Masjid विवाद केस में आज सुनवाई, कोर्ट इस बात का करेगा फैसला

Budaun Jama Masjid: बदायूं की एक अदालत 24 दिसंबर यानी आज यह तय करेगी कि जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ मंदिर मामले में सुनवाई होगी या नहीं. विवाद 2022 में तब शुरू हुआ जब अखिल भारत हिंदू महासभा के तत्कालीन संयोजक मुकेश पटेल ने दावा किया कि जामा मस्जिद शम्सी स्थल पर नीलकंठ महादेव मंदिर मौजूद है. उन्होंने इस जगह पर पूजा करने की इजाजत मांगी थी

मुस्लिम पक्ष के वकील ने कही थी ये बात

मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वकील अनवर आलम ने बताया था कि उन्होंने अर्जी के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी भी कोर्ट में पेश की है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को आदेश दिया था कि ऐसे मामलों में निचली अदालत न तो कोई आदेश पारित करे और न ही सर्वे पर कोई फैसला ले. आलम ने कहा कि अगर निचली अदालत कोई आदेश नहीं दे सकती तो ऐसे मामलों की सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा, "ऐसी सुनवाई से सिर्फ़ अदालत और हमारा समय बर्बाद होगा."

हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?

अदालत में अपनी दलीलें पेश करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विवेक रेंडर ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि चल रही सुनवाई रोक दी जाए. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जिन मामलों में सुनवाई चल रही है, उन्हें रोका नहीं जा सकता, लेकिन निचली अदालत किसी भी तरह का आदेश या अंतरिम आदेश जारी नहीं कर सकती.

क्या होगा इस सुनवाई में तय

उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील जानबूझकर मामले में देरी करने के लिए ऐसी दलीलें पेश कर रहे हैं ताकि अधिकतम समय बर्बाद हो सके. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अमित कुमार ने इस मामले में 24 दिसंबर की तारीख तय की, ताकि यह तय किया जा सके कि इस मामले में चल रही कार्यवाही जारी रहनी चाहिए या नहीं.

इससे पहले 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने देश की सभी अदालतों को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण सहित राहत मांगने वाले किसी भी मुकदमे पर कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश प्लेसेस ऑफ वर्शिप (विशेष प्रावधान) एक्ट, 1991 से जुड़ी पिटीशन और प्रतिवाद याचिकाओं पर दिया था.

किस मस्जिद पर हो रहा है विवाद?

जामा मस्जिद शम्सी सोथा मोहल्ला नामक एक ऊंची जगह पर बनी है और इसे बदायूं शहर की सबसे ऊंची इमारत माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह देश की तीसरी सबसे पुरानी और सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसमें 23,500 लोगों के बैठने की कैपेसिटी है.

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