प्रेमिका पर पैसे खर्च करने के लिए टीटीई बनकर यात्रियों को चूना लगाने वाला शख्स प्रशांत पांडा पुणे का निवासी है और उसने आधे दर्जन से अधिक राज्यों में वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर उनसे पैसे की ठगी की. कई यात्रियों का वो मोबाइल भी झांसे से अपने पास रख लेता था.
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इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर में शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने 34 साल के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किसा है, जो फर्जी टिकट परीक्षक (टीटीई) बनकर यात्रियों को लूटा करता था. जीआरपी की एक अफसर ने बताया कि मुल्जिम अपनी प्रेमिका पर खर्च करने के लिए मध्यप्रदेश समेत आठ राज्यों में रेलवे के मुसाफिरों से ठगी और मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है.
पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) निवेदिता गुप्ता ने बताया कि मुल्जिम की पहचान पुणे निवासी प्रशांत पंडा (34) के तौर पर की गई है. आरोपी सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है. पंडा रेलवे स्टेशनों पर मुसाफिरों के सामने खुद को टीटीई के तौर पर पेश करता था और उनका रेलवे टिकट कंफर्म कराने के नाम पर उनसे उनका मोबाइल फोन और नकदी लेकर गायब हो जाता था.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुल्जिम ने इस तरह की वारदातों को मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में भी अंजाम दे चुका था. गुप्ता ने बताया, “पंडा के कब्जे से आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. जांच में सामने आया है कि आरोपी ने अबतक कुल 79 मोबाइल फोनों का ब्योरा विज्ञापनों की एक वेबसाइट पर ऑनलाइन बिक्री के लिए डाल रखा है."
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला आरोपी पंडा और उसकी प्रेमिका बेंगलुरु के एक शॉपिंग मॉल में काम करते थे. लेकिन कोविड-19 की वजह से शॉपिंग मॉल बंद हो गया. बाद में पंडा ने प्रेमिका संग होटलों में ठहरने के लिए टीटीई बनकर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, मुल्जिम की प्रेमिका जो मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रही थी, वह भी चोरी का है. प्रेमिका के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 411 (चुराई गई चीज को बेईमानी से हासिल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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