पाकिस्तान में Maharaja Ranjit की हवेली ध्वस्त; लोगों ने बनाया हुआ था डंप यार्ड
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पाकिस्तान में Maharaja Ranjit की हवेली ध्वस्त; लोगों ने बनाया हुआ था डंप यार्ड

Maharaja Ranjit Singh Haveli: महाराजा रणजीत सिंह की हवेली ढ़ह गई है. वायरल हो रही वीडियो में शेर-ए-पंजाब की इस पुश्तैनी हवेली की हालत जर्जर दिखाई दे रही है. जानकारी के अनुसार इसके आसपास मछली बाजार बना दिया गया है.

पाकिस्तान में Maharaja Ranjit की हवेली ध्वस्त; लोगों ने बनाया हुआ था डंप यार्ड

Maharaja Ranjit Singh Haveli: शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की हवेली चर्चा का मौजू बनी हुई है. दरअसल पाकिस्तान की लापरवाही के कारण हवेली की छत ढ़ह गई. आपको बता दें पाक सरकार ने इस हवेली को टूरिस्ट प्लेस का दर्जा दिया हुआ है. पाकिस्तान हुकूमत हवेली को भारत से पाकिस्तान आने वाले सिखों के लिए खोलना चाहती है. लेकिन यह एक ढ़ोंग की तरह प्रतीत हो रहा है.

सिखों में इस हवेली का है बेहद महत्व

इस हवेली का सिखों के बीच खास महत्व हैं क्योंकि शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के पहले महाराजा थे. यह उनकी पैतृक हवेली थी. उनका जन्म इसी हवेली में 13 नवंबर, 1780 को हुआ था. पहले इस हवेली के चारों ओर हरियाली हुआ करती थी. लेकिन आज पाकिस्तान सरकार की लापरवाही के कारण यहां अवैध निर्माण हो चुका है. इस हवेली के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिसमें इसकी जर्जर हालत और इसके चारों ओर अवैध निर्माण दिख रहा है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक शख्स ने बताया कि इस हवेली के सामने पार्क बना था जो अब बाजार के रूप में तब्दील हो गया है. यहां अब मछली बाजार है. शख्स ने बताया कि इस हवेली की मरम्मत के लिए कई बार पैसे अलॉट किए गए. लेकिन कोई काम नहीं हो पाया. ऐसे में हवेली का हगिरना अधिकारियों लापरवाही को दर्शाता है.

इस तरह किया गया हवेली को नजरअंदाज

रिपोर्ट के अनुसार महाराजा रणजीत सिंह की इस पैतृक हवेली को पाकिस्तान सरकार के जरिए पर्यटक स्थल में बदले जाने के बाद भी बिलकुल ध्यान नहीं दिया गया. अधिकारी इस हवेली की देख रेख के लिए नहीं आते थे. इसके अलावा सरकार ने इस हवेली की मरम्मत के लिए कई बार पैसे जारी किए लेकिन इसका कहीं इस्तेमाल नहीं किया गया.

कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस हवेली को एक इलाके के कूड़ा स्थल में बदल दिया गया था. लेकिन फिर प्रशासन को होश आया तो कूड़े को वहां से हटाया गया. जिसके बाद इस जगह को पार्किंग के लिए इस्तेमाल किए जाने लगा. आपको बता दें बंटवारे के बाद कई सालों तक इस ईमारत की निचली मंजिल को एक पुलिस स्टेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा था.

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