Myanmar: म्यांमार में फौज के खिलाफ चल रहे मुजाहिरो में अब तक तकरीबन 2 हजार से अधिक शहरी अपनी जान गंवा चुके हैं. फौज के खिलाफ देश के अधिकांश हिस्सों में लोग हथियार उठाने पर मजबूर हो गए है, वहां के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है.
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Myanmar News: म्यांमार में शनिवार को इलेक्शन कमीशन के डिप्टी चीफ को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या की वारदात को यांगून शहर में विद्रोही लड़ाकों ने अंजाम दिया. फौज ने कत्ल की तस्दीक करते हुए कहा कि देश के जुंटा से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल शख्स का कत्ल हुआ है. फौज की सूचना टीम ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सेंट्रल इलेक्शन कमीशन के डिप्टी चीफ साई क्याव थू की पूर्वी यांगून के थिंगंगयुन शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके लिए सूचना टीम ने तख्तापलट विरोधी "पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज" को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन इस सिलसिले में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.
म्यांमार की फौज ने दो वर्ष पहले आंग सान सू ची की चयनित सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. तब से ही म्यांमार में इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए है. सैन्य जुंटा ने तब कहा था कि इलेक्शन होंगे और अगस्त 2023 तक देश को इमरजेंसी की हालत से निजात हासिल हो जाएगी, हालांकि, अब म्यांमार में इलेक्शन होने की उम्मीद बेहद कम नजर आ रही है. ख्याल रहे कि हाल के दिनों में म्यांमार में एहतेजाज और मुज़ाहिरों का दौर काफी बढ़ गया हैं. स्व-घोषित नागरिक पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज के लड़ाके जुंटा की मुखालेफत में उन अधिकारियों को टारगेट कर रहे हैं जो फौज के साथ काम कर रहे हैं.
बता दें कि म्यांमार में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. यहां फौज के खिलाफ चल रहे एहतेजाज में अब तक तकरीबन 2 हजार से ज्यादा नागरिकों की जान जा चुकी है. वहीं अब तक 115 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है. जिसके बाद से फौज के खिलाफ देश के ज्यादातर हिस्सों में लोगों ने हथियारों का सहारा लिया है. तख्तापलट के जरिए सत्ता पर कब्जा करने के दो साल बाद, म्यांमार की फौज एक ऐसे देश में सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, जहां विद्रोह का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है.
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