Asaduddin Owaisi on Manoj Jarange: मनोज जरांगे पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के मकामी हैं. शुरू में वह कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता थे, लेकिन बाद में उन्होंने मराठा कम्यूनिटी के लिए शिवबा संगठन बनाया. जिसके बाद उन्होंने मराठा रिजर्वेशन के लिए आंदोलन किया है.
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Asaduddin Owaisi on Manoj Jarange: AIMIM के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने माराठा आंदोलन की अगुआई कर रहे मनोज जरांगे को लेकर बयान दिया है. उन्होंने मनोज जरांगे की तारीफ करते हुए कहा, एक दुबला पतले शख्स ने अपने समाज के इंसाफ के लिए पीएम मोदी की नींद को हराम करके रख दिया है.
अमित शाह के पेट में दर्द पैदा कर दिया- ओवैसी
ओवैसी ने कहा, "गृहमंत्री अमित शाह के पेट में दर्द पैदा कर दिया. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को पेट में दर्द हो गया. सीएम शिंदे परेशान, उद्धव ठाकरे को समझ में नहीं आ रहा. मनोज जरांगे पाटिल ने जो जादू किया है अपने समुदाय के लिए, मैं सलाम करता हूं. मेरे भाई यही दीवानगी काम में आती है. अक्लमंदी काम नहीं आती. मैं तो उम्मीद कर रहा था कि जरांगे पाटिल साहब एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और जब तक राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे, इंसाफ नहीं होगा."
एक दुबला पतला शख़्स (जरांगे पाटिल) अपने समाज के इंसाफ़ के लिए @narendramodi की नींद को हराम करके रख दिया, @AmitShah और @Dev_Fadnavis के पेट में दर्द पैदा कर दिया @mieknathshinde और @OfficeofUT परेशान है। यही दीवानगी काम आती है अक़लमन्दी काम नहीं आती है। pic.twitter.com/TyUy6iPPKZ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 18, 2024
इलेक्शन लड़ने पर दिया जोर
उन्होंने मनोज जरांगे के इल्केशन लड़ने पर की भी वकालत की है. ओवैसी ने इलेक्शन पर जोर देकर कहा, "चुनाव लड़ो, वोट हासिल करो, लीडरशिप बनाओ तब इनको (सरकार) मालूम होगा कि क्या होता है गरीबों से नाइंसाफी करने का अंजाम."
कौन हैं मनोज जरांगे
मनोज जरांगे पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के मकामी हैं. शुरू में वह कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता थे, लेकिन बाद में उन्होंने मराठा कम्यूनिटी के लिए शिवबा संगठन बनाया. इसके बाद उन्होंने मराठा रिजर्वेशन के लिए राज्य के मुख्तिलफ नेताओं से मुलाकात की. जब नेताओं से बात नहीं बनी, तो उन्होंने साल 2014 के बाद से कई आंदोलन किए, लेकिन वो इस आंदोलन में सफल नहीं हुए. हालांकि, जब उन्होंने रिजर्वेशन के लिए भूख हड़ताल की, तो महाराष्ट्र में हलचल मच गई.