Astrology for Sneeze: किसी काम को शुरू करने जा रहे हैं तो छींक आने पर लोग अपशकुन समझने लगते हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है, हर छींक का अपना महत्व है.
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Sneezing Superstition: ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा, जिसे कभी छींक न आती हो. यह एक नैसर्गिक प्रक्रिया भी है. सर्दी-जुकाम से पीड़ित होने या फिर नाक में कोई तिनका, धूल चले जाने पर छींक आना स्वाभाविक प्रक्रिया है. इस प्रकार की छींक को शकुन और अपशकुन से नहीं जोड़ना चाहिए. आइए इस लेख में जानते हैं कि किस तरह की छींक शकुन और किस तरह की छींक अपशकुन की सूचना देती है और क्या है इनसे बचाव के उपाय.
छींक को प्राचीन काल से शकुन माना गया है. यही कारण है हिंदू समाज में अधिकतर लोग छींक आने पर ओम शांति के शब्द का उच्चारण करते हैं. मान्यता है कि प्रेतात्माएं नाक में आती और जाती हैं. छींक आने को प्रेतात्माओं के नाक में आने और जाने का सूचक माना जाता है. जब कोई व्यक्ति किसी काम को आरंभ करने वाला हो और उसे उसी समय छींक आ जाए तो इसे शुभ माना जाता है. किंतु यदि छींक किसी दूसरे व्यक्ति को आई हो समय और दिशा का विचार करना पड़ता है.
शकुन के लिए उसी छींक का महत्व
शकुन के लिए उसी छींक का महत्व होता है, जो अचानक और अकारण आए. यदि आप कोई काम शुरू करने जा रहे हैं और आपको वास्तविक छींक सुनाई दे तो कुछ देर के लिए रुककर कार्य करना चाहिए. यदि बाहर जाते समय छींक सुनाई दे तो घर लौट आना चाहिए और कुछ देर बैठकर पानी पीने के बाद निकलना चाहिए.
छींक की आवाज सुनाई देने पर इस तरह का मिलता है फल
छींक की आवाज दिन के पहले चौथाई भाग में दक्षिण-पूर्व दिशा से सुनाई दे तो कार्य में बाधा उपस्थित होती है. यह आवाज दिन के दूसरे भाग में उसी दिशा से सुनाई देने पर आग लगने का भय होता है. दिन के तीसरे भाग में यही आवाज सुनाई देने पर किसी मित्र से मिलने का अवसर प्राप्त होता है. चौथे भाग में छींक सुनाई देने पर प्रसन्नता पूर्ण सूचना की प्राप्ति होती है.