ITR: सरकार की जानकारी में आया है कि पीएसयू और एमएनसी में काम करने वाले करीब 90000 लोगों ने गलत तरीके से टैक्स छूट का दावा किया है. इन लोगों ने करीब 1070 करोड़ रुपये के टैक्स दावों को वापस ले लिया है.
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Income Tax Rules: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं तो यह खबर आपसे जुड़ी हो सकती है. सरकार को जानकारी मिली कि करीब 90,000 सैलरीड क्लास (सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले) ने गलत तरीके से टैक्स छूट के दावे वापस लिये हैं. इन क्लेम की कुल राशि 1,070 करोड़ रुपये होती है. आयकर विभाग ने जांच के दौरान पाया कि लोग अपने टैक्स रिटर्न में सेक्शन 80C, 80D, 80E, 80G, 80GGB, 80GGC के तहत गलत कटौती का दावा कर रहे हैं. इससे सरकार को मिलने वाले इनकम टैक्स में कमी आ रही है.
80GGB / 80GGC के तहत किये गलत दावे
ईटी में प्रकाशित खबर के अनुसार सूत्रों ने दावा किया कि जांच के दौरान पता चला कि ऐसे लोग अलग-अलग सेक्टर में काम करने वाली संस्थाओं के कर्मचारी हैं. इनमें पब्लिक सेक्टर के उपक्रम (PSU), बड़ी कंपनियां, मल्टीनेशनल कंपनियां, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां आदि शामिल हैं. इसके अलावा जांच में यह भी पता लगा कि जिन लोगों ने गलत कटौती का दावा किया था, वे एक ही कंपनी में काम कर रहे थे. सरकारी विभाग की तरफ से विश्लेषण पर पता चला कि टैक्सपेयर्स की तरफ से आईटीआर में क्लेम किये गए सेक्शन 80GGB / 80GGC के तहत कुल कटौतियों और दान प्राप्तकर्ताओं की तरफ से अपने आईटीआर में दिखाई गई कुल प्राप्त राशि में बहुत बड़ा अंतर है.
सरकार की तरफ से कंपनियों को जागरूक किया जा रहा
सेक्शन 80C, 80E, 80G के तहत के तहत जिन कटौती का दावा किया गया है उनमें भी संदिग्धता मिली है. उन्होंने कहा कि सामान्य नियोक्ताओं (TDS डिडक्टर) की एक लिस्ट तैयार की गई है और टैक्स डिपार्टमेंट उन सभी लोगों तक पहुंचेगा जिन पर सेक्शन 80E, 80G, 80GGA, 80GGC और अन्य कटौतियों के तहत फर्जी कटौती का दावा करने का संदेह है. सरकार को पता लगा कि कुछ लोग गलत तरीके से लोगों को टैक्स छूट या रिफंड लेने के लिए गुमराह कर रहे हैं. इसलिए, सरकार अब कंपनियों को जागरूक कर रही है.
1,070 करोड़ रुपये से जुड़ा है मामला
सरकार की तरफ से बताया जा रहा है कि टैक्स रिटर्न में गलत जानकारी देने से क्या नुकसान हो सकते हैं? अगर किसी ने गलती से गलत जानकारी दे दी है तो उसे कैसे ठीक किया जा सकता है. सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि 31 दिसंबर, 2024 तक करीब 90,000 टैक्सपेयर्स ने अपने आईटीआर में टैक्स कटौती के गलत दावे वापस ले लिए हैं. इसकी कुल राशि करीब 1,070 करोड़ रुपये है और उन्होंने एक्सट्रा टैक्स भी चुकाया है.