Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना चुनावी मुद्दा बना था. कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि बिना पुरानी पेंशन योजनाएं भविष्य की पीढ़ी पर ‘कर’ हैं.
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Old Pension Scheme Latest Update: पुरानी पेंशन योजना को लेकर इन दिनों काफी चर्चा चल रही है. कुछ गैर भाजपा राज्यों ने पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) को बहाल करने का ऐलान कर दिया है. लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने इसे लागू करने से साफ इंकार कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना चुनावी मुद्दा बना था. कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि बिना पुरानी पेंशन योजनाएं भविष्य की पीढ़ी पर ‘कर’ हैं. यानी इनका बोझ भावी पीढ़ी पर पड़ेगा.
मुश्किल साल होने वाला है 2023
सान्याल ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में मौजूदा तनाव और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर को बार-बार कम करने के मद्देनजर यह साफ है कि 2023 एक मुश्किल साल होने वाला है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'यह बिल्कुल साफ होना चाहिए कि गैर योगदान वाली पेंशन योजनाएं अंतत: भावी पीढ़ियों पर टैक्स का बोझ डालेंगी. बीते कुछ दशक में बहुत ही कठिनाई के साथ जो पेंशन सुधार किए गए हैं उनसे हटकर कदम उठाते वक्त बहुत ही ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.'
ओपीएस में पूरी राशि सरकार देती है
ओपीएस (OPS) के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी. इस योजना को तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने 1 अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया था. नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान देते हैं जबकि राज्य सरकार का योगदान 14 प्रतिशत होता है. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ ओपीएस लागू करने का निर्णय ले चुके हैं, झारखंड ने भी पुरानी पेंशन योजना को अपनाने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने भी ओपीएस को फिर से लागू करने की मंजूरी दी है.
देश पर निर्भरता परेशानी का सबब
चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए, इस सवाल के जवाब में सान्याल ने कहा, 'किसी भी एक देश पर निर्भरता परेशानी का सबब होती है और इस बात को हमें गंभीरता से लेना चाहिए. प्रयास किए जा रहे हैं कि दवाओं के अहम घटक या विनिर्माण के लिए चिप समेत जरूरी वस्तुएं मंगवाने के लिए केवल एक देश पर निर्भर नहीं रहा जाए.' (INPUT: PTI)
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