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Indian textile sector: वो दिन दूर नहीं जब भारतीय कप़़े दुनियाभर के बाजार में मौजूद होंगे. बड़े-बड़े देशों के मार्केट में भारतीय कपड़ों और फैब्रिक का बोलबाला होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कपड़ा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर रविवार को संतोष जताया और उम्मीद जताई कि भारत 2030 से पहले भारत के टेक्सटायल निर्यात का आंकड़ा नौ लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल कर लेगा.
9 लाख करोड़ का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कपड़ा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर रविवार को संतोष जताया और उम्मीद जताई कि भारत 2030 के लक्षित वर्ष से पहले नौ लाख करोड़ रुपये के वार्षिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा. यह बात इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि आम बजट 2025-26 में कपास की, खासकर अतिरिक्त लंबे रेशे वाली किस्मों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच साल के कपास मिशन की घोषणा की गई है. बजट में राष्ट्रीय कपास प्रौद्योगिकी मिशन के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
मोदी ने ‘भारत टेक्स 2025’ में कहा, “हम वर्तमान में दुनिया में वस्त्र और परिधान के छठे सबसे बड़े निर्यातक हैं. कपड़ा निर्यात लगभग तीन लाख करोड़ रुपये का है. हमारा लक्ष्य इस आंकड़े को तीन गुना करते हुए नौ लाख करोड़ रुपये का निर्यात हासिल करना है. उन्होंने कहा, .इस सफलता का श्रेय पिछले दशक में की गई कड़ी मेहनत और लगातार लागू की गई नीतियों को जाता है, जिनके कारण कपड़ा क्षेत्र में विदेशी निवेश दोगुना हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जिस तरह से काम हो रहा है, मुझे लगता है कि हम 2030 की समयसीमा से पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे.
उन्होंने कहा कि सही दिशा में काम करने से भारत इस बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कपड़ा और परिधान निर्यात में सात प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है.यह क्षेत्र प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता है तथा विनिर्माण क्षेत्र में इसका योगदान 11 प्रतिशत है। उद्योग के लिए संसाधनों के मनचाहे उपयोग और कम से कम अपशिष्ट उत्पादन की आवश्यकता पर उन्होंने कहा एक विश्लेषण के अनुसार, 2030 तक फैशन अपशिष्ट 14.8 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है.
आज, एक-चौथाई कपड़ा अपशिष्ट का पुनर्चक्रण नहीं किया जा रहा है. हमारा कपड़ा उद्योग इस चुनौती को अवसर में बदल सकता है. बजट में घोषित कपास उत्पादकता मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि इससे कपास की आपूर्ति विश्वसनीय बनेगी, भारतीय कपास वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा और मूल्य शृंखला मजबूत होगी. नयी दिल्ली में 14-17 फरवरी तक आयोजित होने वाला ‘भारत टेक्स’ कपड़ा उद्योग का सबसे बड़ा आयोजन है. इसमें दो स्थानों पर आयोजित एक विशाल प्रदर्शनी शामिल है, जिसमें सम्पूर्ण कपड़ा पारिस्थितिकी तंत्र का प्रदर्शन किया जाएगा. मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों से कपड़ा उद्योग की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को समझने को कहा तथा उनसे कपड़ा क्षेत्र को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, जहां एक इकाई को केवल 75 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है, लेकिन 2,000 लोगों को रोजगार मिलता है. उन्होंने कहा कि भारत के वस्त्र और परिधान निर्यात में पिछले साल सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
देश कपड़ा क्षेत्र के लिए कुशल प्रतिभाओं का एक समूह बनाने पर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारा ध्यान तकनीकी वस्त्र क्षेत्र पर है, क्योंकि भारत इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. मोदी ने कहा कि ‘भारत टेक्स’ एक बड़ा वैश्विक आयोजन बन रहा है, जिसमें 120 से अधिक देश भाग ले रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कपड़ा क्षेत्र के लिए अपने ‘5एफ दृष्टिकोण’ को रेखांकित किया, जिसमें ‘खेत (फार्म) से फाइबर; फाइबर से फैक्ट्री; फैक्ट्री से फैशन; फैशन से विदेशी (फॉरेन)’ शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भारत टेक्स’ कपड़ा क्षेत्र में निवेश, निर्यात और समग्र वृद्धि को काफी बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा, भारत टेक्स वैश्विक स्तर पर नीति निर्माताओं, मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) और उद्योग जगत के नेताओं के बीच जुड़ाव, सहयोग और साझेदारी के लिए एक मजबूत मंच बन रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पारंपरिक टिकाऊ तकनीकों को अब अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ बढ़ाया जा रहा है, जिससे कारीगरों, बुनकरों और उद्योग से जुड़ी लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है. नवी मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में घर-घर जाकर कपड़ा अपशिष्ट एकत्र करने की पायलट परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. भाषा