New Delhi News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के 18 मेडिकल कॅालेज को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. ये कॉलेज रैगिंग रोधी नियमों का अनुपालन न करते हुए पाए गए थे.
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New Delhi News: राजधानी दिल्ली सहित देश के कई मेडिकल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ये नोटिस यूजीसी ने रैगिंग रोधी मानदंडों को लेकर जारी किया है. इन महाविद्यालयों ने रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 में निर्धारित अनिवार्य नियमों का अनुपालन नहीं किया था. इन नियमों का पालन नहीं होने से विद्यार्थियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है. जानिए क्या है पूरा मामला.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रैगिंग रोधी नियमों का अनुपालन न करने पर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. इन महाविद्यालयों में दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो, आंध्र प्रदेश और बिहार के तीन-तीन तथा मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश का एक-एक कॉलेज शामिल है.
यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा, ‘‘यह पाया गया कि इन महाविद्यालयों ने रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 में निर्धारित अनिवार्य नियमों का अनुपालन नहीं किया था. विशेष रूप से, यह हमारे संज्ञान में आया है कि संस्थान उक्त नियमों के अनुसार विद्यार्थियों से रैगिंग विरोधी शपथ-पत्र प्राप्त करने में विफल रहे. रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 के अनुसार प्रत्येक छात्र और उसके माता-पिता तथा अभिभावकों को दाखिले के समय तथा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में रैगिंग विरोधी शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा.
जोशी ने कहा, ‘‘यह शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की किसी भी घटना को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इन नियमों का पालन नहीं होने से विद्यार्थियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है. इन महाविद्यालयों में दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल और हमदर्द चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान. उत्तर प्रदेश में डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, पश्चिम बंगाल में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान तथा तेलंगाना में उस्मानिया मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.
असम में लखीमपुर मेडिकल कॉलेज और नागांव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेज (बेतिया), कटिहार मेडिकल कॉलेज (कटिहार) और मधुबनी मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश में आंध्र मेडिकल कॉलेज (विशाखापत्तनम), गुंटूर मेडिकल कॉलेज और कुरनूल मेडिकल कॉलेज भी सूची में शामिल हैं. जिन अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मध्य प्रदेश), जेआईपीएमईआर और महात्मा गांधी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, पुडुचेरी तथा तमिलनाडु में सविता चिकित्सा और तकनीकी विज्ञान संस्थान और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.
महाविद्यालयों को नोटिस प्राप्त होने की तिथि से सात दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें चूक के कारणों का विवरण देने और इस स्थिति को तत्काल सुधारने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताने को कहा गया है. जोशी ने कहा, ‘‘निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर हम रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 के प्रावधानों के अनुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे, जिसमें जुर्माना लगाना और अन्य सुधारात्मक उपाय शामिल हैं. (भाषा)