सफलता का नहीं कोई शॉर्टकट; रोज 15-16 घंटे करती थीं पढ़ाई, संसाधनों की कमी लेकिन मेहनत पूरी, पढ़ें IAS वंदना मीणा की कहानी
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सफलता का नहीं कोई शॉर्टकट; रोज 15-16 घंटे करती थीं पढ़ाई, संसाधनों की कमी लेकिन मेहनत पूरी, पढ़ें IAS वंदना मीणा की कहानी

UPSC Success Story: IAS वंदना मीणा की कहानी किसी को भी मोटिवेट कर सकती है. वह राजस्थान के एक छोटे से गांव आती हैं, जहां बहुत ही कम संसाधन हैं, लेकिन वंदना ने अपनी मेहनत से  साबित कर दिखाया कि जिद हो तो हर हाल में कामयाब हुआ जा सकता है.

सफलता का नहीं कोई शॉर्टकट; रोज 15-16 घंटे करती थीं पढ़ाई, संसाधनों की कमी लेकिन मेहनत पूरी, पढ़ें IAS वंदना मीणा की कहानी

IAS Vandana Meena Success Story: बड़ी अचीवमेंट हासिल करने के लिए उतने ही सेक्रिफाइज भी करने पड़ते हैं. यूपीएससी जैसा कठिन परीक्षा में सफलता पाना भी आसान नहीं होता है. ज्यादातर यूपीएससी एस्पिरेंट्स कई साल दिन-रात जागकर मेहनत करने हैं, तब कहीं जाकर सफलता मिलती है. इसके लिए सफल होने तक अपनी नींद, शौक सब किनारे रखना पड़ता है. सफलता की कहानी में आझ हम आपके लिए एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर की स्टोरी लेकर आए हैं, जो इस पद पर पहुंचने से पहले एक बहुत ही साधारण परिवार और छोटे से गांव से आती हैं. इस कहानी को पढ़कर आपको भर-भर के मोटिवेशन मिलेगा. 

शुरुआती संघर्ष: गांव से दिल्ली तक
वंदना मीना का जन्म राजस्थान के एक छोटे से गांव टोकसी में हुआ था, जहां संसाधनों की कमी थी. उनके पिता दिल्ली पुलिस में कार्यरत थे और मां गृहिणी थीं. वंदना की बचपन से ही पढ़ने में दिलचस्पी थी. गांव की सीमित सुविधाओं के बावजूद उन्होंने बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का संकल्प लिया और बाद में परिवार के साथ दिल्ली आ गईं.

स्कूल और कॉलेज के दिन
दिल्ली में वंदना ने सेंट कोलम्बा स्कूल में पढ़ाई की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से मैथ्स ऑनर्स की डिग्री ली. स्कूल और कॉलेज दोनों जगह उनके बेहतरीन मार्क्स और लगन ने उनके स्टूडेंट लाइफ में बेहतरीन मिसाल कायम की. इन अनुभवों ने उन्हें UPSC के कठिन रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया.

UPSC की तैयारी: कठिन मेहनत का सफर
वंदना का मानना था कि सफलता के लिए मेहनत और लगन सबसे जरूरी है. UPSC की तैयारी के दौरान उन्होंने हर दिन 15 से 16 घंटे पढ़ाई की और सामान्य दिनों में भी लगभग 10 घंटे अपनी पढ़ाई में लगाते रहे. उन्होंने कभी भी कोई शॉर्टकट अपनाया नहीं, क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास था कि केवल कड़ी मेहनत से ही सपनों को सच किया जा सकता है.

परीक्षा में शानदार प्रदर्शन: AIR 331
उनकी मेहनत रंग लाई और 2021 में UPSC परीक्षा में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 331 मिला. इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया, बल्कि उनके गांव और स्कूल के लिए भी एक मिसाल बन गई. वंदना ने साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम से बड़ी से बड़ी बाधाएं भी पार की जा सकती हैं.

सफलता का संदेश: कोई शॉर्टकट नहीं
जब UPSC के परिणाम घोषित हुए, तो वंदना ने तुरंत दोनों स्कूलों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि सफलता में कोई शॉर्टकट नहीं होता, बल्कि निरंतर मेहनत और समर्पण से ही सफलता मिलती है. 

सकारात्मक सोच अपनाएं
वंदना मीना ने बच्चों और युवाओं को सलाह दी कि वे अपनी क्षमताओं को पहचानें और मेहनत से अपने लक्ष्य तक पहुंचें. उन्होंने बताया कि कठिनाइयां आएंगी, लेकिन सकारात्मक सोच और लगातार प्रयास से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है.

संघर्ष से मिलती है सफलता
वंदना मीना की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत, लगन और कोशिस की जरुरत होती है. उनके संघर्ष और उपलब्धि का सफर हर एस्पिरेंट के लिए प्रेरणादायक है. उनके अनुभव से यह बात साबित होती है कि अगर ठान लिया जाए तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.

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