National Education Policy: सभी दिव्यांग और स्कूल छोड़ चुके बच्चों का पता लगाते हुए समावेशित शिक्षा सुनिश्चित की जाए.
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CM Yogi Higher Education: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) में 'स्कूल स्टैण्डर्ड अथॉरिटी' का गठन किया जाए, जिसके द्वारा सभी विद्यालयों में क्वालिटी मानक स्थापित किए जाएं.
जारी एक अधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में उच्च शिक्षा, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के इंप्लिमेंटेशन के लिए सभी जिलों में वर्कशॉप का आयोजन करके पॉलिसी के आयामों के बारे में सभी शिक्षकों एवं संबंधित लोगों को अवगत कराने एवं कैपेसिटी बिल्डिंग करने का निर्देश दिया.
बयान के मुताबिक, योगी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 'स्कूल स्टैण्डर्ड अथॉरिटी' का गठन किया जाए जिसके द्वारा सभी विद्यालयों में गुणवत्ता मानक स्थापित किए जाएं. भारतीय ज्ञान, स्थानीय प्रथाएं, इतिहास का समावेश करते हुए 'स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क' भी गठित किया जाए.
उन्होंने कहा कि सभी दिव्यांग और स्कूल छोड़ चुके बच्चों का पता लगाते हुए समावेशित शिक्षा सुनिश्चित की जाए. बच्चों की एजुकेशन क्वालिटी सुधारते हुए, शिक्षकों को हाई लेवल की ट्रेनिंग दी जाए और सभी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के कोर्स का संशोधन सुनिश्चित करते हुए उसे क्लास में संचालित किया जाए.
स्टूडेंट्स को लर्निंग बाय डूइंग के माध्यम से वोकेशनल कोर्सेज का परिचय कराया जाए. इसके अलावा उन्हें कैरियर काउंसलिंग भी उपलब्ध कराई जाए. स्टूडेंट्स के लिए हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड बनाया जाए. डिजिटल लाइब्रेरी के साथ ही लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग और स्पेशल इक्विटी प्रोजेक्ट्स का निर्धारण किया जाए.
सीएम ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का फायदा हर वर्ग, हर व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार का कर्तव्य है. इसके तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए शारदा व दिव्यांग बच्चों के लिए समर्थ कार्यक्रम शुरू किया गया है. इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्पेशल एजुकेटर्स और नोडल शिक्षकों के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया जाए. कक्षाओं में ब्रेल टेक्स्ट बुक, स्टेशनरी, इनलार्ज प्रिंट टेक्स्ट बुक समेत विशेष शैक्षिक सामग्री एवं बच्चों के लिए डिवाइसेज की व्यवस्था हो. दिव्यांग बच्चो के लिए सरकार एस्कॉर्ट एलाउंस व दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेंड दिया जा रहा है. इसका सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए.