IGI Airport News: भारत में सिंगापुर के हाई कमिशनर ने कुछ दिनों पहले चेतावनी दी थी कि आईजीआई एयरपोर्ट पर देखी गई एंबेसी नंबर प्लेट वाली कार फर्जी थी.‘
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Delhi News: दिल्ली एयरपोर्ट पर सिंगापुर एंबेसी के फर्जी नंबर प्लेट वाली संदिग्ध कार देखे जाने के मामले का दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है. बता दें भारत में सिंगापुर के हाई कमिशनर ने कुछ दिनों पहले चेतावनी दी थी कि आईजीआई एयरपोर्ट पर देखी गई एंबेसी नंबर प्लेट वाली कार फर्जी थी.
यह पता चला है कि कार को 2018 में दक्षिण अफ्रीका की एक महिला ने दूतावास से खरीदा खरादी. महिला ने गुड़गांव में अपनी दोस्त को इसकी देखभाल करने के लिए कहा था.
पुलिस ने कहा, ‘पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के कारण यह कार दिल्ली की सड़कों पर चलने में सक्षम नहीं थी. इसलिए महिला की दोस्त [जो कि कुत्तों की देखभाल करने वाली कंपनी चलाती है] ने जांच से छूट पाने के लिए एंबेसी की नंबर प्लेट को बनाए रखने का फैसला किया. ऐसा पता चला है कि उसने अपने कर्मचारी को पहले कुत्ते को उसके मालिक से लेने के लिए और दूसरी बार रसीद देने के लिए एयरपोर्ट पर भेजा था.’
हाई कमिशनर ने दी थी चेतावनी
24 नवंबर को, सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग ने एक्स पर फर्जी दूतावास नंबर प्लेट वाली कार की तस्वीरें शेयर की करते हुए लिखा था, ‘अलर्ट. नीचे दी गई 63 सीडी प्लेट वाली कार नकली है. यह हमारी दूतावास की कार नहीं है. हमने विदेश मंत्रालय और पुलिस को सतर्क कर दिया है. चारों ओर इतने सारे खतरों के साथ, जब आप इस कार को लावारिस पार्क देखें तो अतिरिक्त सावधान रहें. विशेषकर आईजीआई पर.’
Alert ‼️‼️The car below bearing 63 CD plate is FAKE. This is NOT our Embassy car. We have alerted MEA & the Police. With so many threats around, be extra careful when you see this car parked unattended. Especially at the IGI. HC Wong@DelhiPolice @MEAIndia @DelhiAirport pic.twitter.com/qphXYzhoVF
— Singapore in India (@SGinIndia) November 24, 2023
दिल्ली पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज
इसके आधार पर इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की. जांच के दौरान, उन्होंने कई सीसीटीवी को स्कैन किया, जिसमें दिखा कि कार दो अलग-अलग मौकों पर आईजीआई एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर थी - पहले 20 नवंबर को दो पुरुषों से मिलने के लिए और फिर 23 नवंबर को दो महिलाओं से मिलने के लिए - सभी पंजाब से थे.’ जांच से पता चला कि पुरुष कनाडा की उड़ान में सवार हुए और महिलाओं ने अमेरिका के लिए उड़ान भरीं.
खुफिया एजेंसियों के साथ काम करने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘बाद में इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने चार लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर खोला ताकि वे उनसे पूछताछ कर सकें और ड्राइवर की पहचान स्थापित कर सकें.’
ग्रेटर कैलाश में कार का पता लगा
इसके बाद पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में कार का पता लगाया. पुलिस ने पाया कि इसे दूतावास से रीसेल में खरीदा गया था, लेकिन नंबर प्लेट नहीं बदली गई.
आईजीआई एयरपोर्ट पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 482 (जो कोई भी गलत संपत्ति चिह्न का उपयोग करता है), और 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई.
कार के ड्राइवर ने क्या बताया
एक अधिकारी ने कहा, ‘कार ड्राइवर, जो गुड़गांव स्थित कुत्ते की देखभाल करने वाली कंपनी में काम करता है, का पता लगाया गया. उसने अपने नियोक्ता का विवरण साझा किया और पुलिस ने उससे संपर्क किया. उसने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में उसकी दोस्त ने कार खरीदी और उसे इसकी देखभाल करने के लिए कहा.’
महिला ने आगे कहा कि खराब एयर क्वालिटी के कारण दिल्ली में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल वाहनों की अनुमति नहीं है, इसलिए उसने दूतावास नंबर प्लेट वाली कार का इस्तेमाल करने का फैसला किया क्योंकि इन वाहनों को जांच से छूट दी गई है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘महिला ने अपने ड्राइवर को पहली बार विदेश यात्रा कर रहे एक शख्स से उसके कुत्ते को कस्टडी में लेने के लिए एयरपोर्ट पर भेजा था और दूसरी बार रसीद देने के लिए भेजा था.’