Yash Chopra Film: यश चोपड़ा ने हिंदी सिनेमा को कई सदाबहार जबरदस्त हिट और सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिन्होंने दर्शकों के सामने प्यारी की नई-नई परिभाषाएं लिखी, लेकिन उन्हीं फिल्मों में से उनकी एक फिल्म ऐसी भी थी, जिसको सिनेमाघरों में उतारने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी थी, लेकिन ऐसा क्यों हुआ चलिए जानते हैं.
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Rishi Kapoor-Sridevi Film Chandni: हिंदी सिनेमा में एक्शन फिल्मों के दौर में यश चोपड़ा ने इंडस्ट्री और दर्शकों रोमांटिक फिल्मों की ऐसी सौगात दी, जिसको आज भी भूला पाना नामुमकिन है. उन्होंने बॉलीवुड को कई सदाबहार जबरदस्त हिट और सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिन्होंने दर्शकों के सामने प्यारी की नई-नई परिभाषाएं लिखी.
यश चोपड़ा की उन्हीं फिल्मों में से एक ऐसी भी फिल्म थी, जिसको सिनेमाघरों में उतारने के लिए उनको भारी मशक्कत करनी पड़ी थी, लेकिन बाद में उसी फिल्म ने जबरदस्त पहचान हासिल की और बड़ी हिट रही. हम यहां हिंदी सिनेमा के दो बड़े दिवंगत स्टार्स ऋषि कपूर और श्रीदेवी की फिल्म 'चांदनी' की बात कर रहे हैं.
यश चोपड़ा की सदाबहार रोमांटिक फिल्म
खास बात ये है कि यश चोपड़ा ने इसी फिल्म 'चांदनी' से एक्शन फिल्म की परंपरा को तोड़ा था. इस फिल्म की कहानी एक लव ट्रायंगल पर आधारित थी, जिसने दर्शकों को उस दौर में खूब आकर्षित किया. दिलचस्प बात ये है कि शुरुआत में डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी इस फिल्म की सफलता पर संदेह था, लेकिन ऋषि और श्रीदेवी की ये फिल्म बॉलीवुड की एक यादगार ब्लॉकबस्टर बन गई.
श्रीदेवी की खूबसूरती के दीवाने
साथ ही फिल्म में ऋषि कपूर के चार्म और श्रीदेवी की खूबसूरती ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. फैंस दोनों की जोड़ी के दीवाने हो गए थे. हालांकि, उस समय बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की धीमी शुरुआत रही थी. इसके बावजूद फिल्म ने जल्द ही गति पकड़ी और जबरदस्त कलेक्शन कर एक बड़ी हिट बन गई. 'चांदनी' में विनोद खन्ना ने भी बड़े किरदार में नजर आए थे.
यश चोपड़ा के कई असफल प्रयास
1980 के दशक में, यश चोपड़ा ने एक्शन फिल्में बनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन वो असफल रहे. इसके बाद उन्होंने एक रोमांटिक म्यूजिक बनाकर अपने दम पर वापस लौटने का फैसला किया. उनकी इसी फैसले ने उनका हिंदी सिनेमा में रोमांस का बादशाह बना दिया, जिसके बाद उनकी शैली में एक्ट्रेसेस पर केंद्रित फिल्में, रोमांस, नाटक और म्यूजिक को जोड़ दिया.
'चांदनी' के लिए करना पड़ा संघर्ष
'चांदनी' को बनाने के दौरान यश चोपड़ा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उन्हें फिल्म के क्लाइमेक्स को बदलने के साथ साथ कई बदलाव करने पड़े. फिल्म को बनाने में भी देरी हुई, जिसके चलते लोगों में संदेह और निराशा पैदा हो गई थी, जिसकी वजह से उनको इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के अपने फैसले पर दोबारा सोचने तक की सलाह दी गई. यहां तक कि डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए थे.
यश ने नहीं मानी हार
इतना सब होने के बाद भी यश चोपड़ा ने हार नहीं मानी और न ही अपने फैसले में कोई बदलाव किया. वो इस फिल्म को बनाने में लगे रहे. उनका यही दृढ़ संकल्प तब रंग लाया जब 'चांदनी' कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बड़े पर्दे पर उतारा गया और वो सफल रही. बता दें, ये यश चोपड़ा की श्रीदेवी के साथ पहली फिल्म थी, जिसके दो साल बाद उन्होंने 'लम्हे' में फिर साथ काम किया.
यश चोपड़ा का इंटरव्यू
एक बार यश चोपड़ा ने अपने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि शुरुआत में कोई भी एक्टर फिल्म में 'ललित' की भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि वो साइड हीरो के तौर पर दिखाई देगा और उसको छोटा माना जाएगा. काफी खोज करने के बाद विनोद खन्ना ने इसके लिए हां कर दी और किरदार में जान डाल दी. 'चांदनी' यश चोपड़ा की बेहतरीन फिल्मों में से एक है.