Food History: मखाने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. मखाना वजन कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती हैं. बीपी भी कंट्रोल में रहता है. वहीं अंगूर के तत्व लोगों को जवान बनाए रखने में मददगार होते हैं. इसलिए ये सब्जी आज भी बहुद पॉपुलर है.
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Shahi Angoor Makhana Sabji: एक दौर था जब दुनियाभर का लजीज खाना सिर्फ राजों-महाराजों के रसोई घर और मुगल बादशाहों के शाही किचन में बनता था. दाल, चावल, सब्जी, रोटी, चटनी और अचार के अलावा बाकी अधिकतर पकवानों की सीक्रेट रेसिपी भी केवल शाही खानसामों के पास होती थी. हिंदुस्तान की सैकड़ों रियासतों में राजे-रजवाड़ों की रॉयल फैमिली अक्सर नए-नए फ्लेवर्स और डिशेज की मांग करती थी ऐसे में शाही बावर्ची और खानसामे भी लगातार रिसर्च करते रहते थे. जिनके हाथ के बने जायके की चर्चा दूर-दूर तक होती थी.
राजाओं की रसोई की शाही सब्जी
ऐसे ही किसी रॉयल फैमिली की फरमाइश पर ईजाद हुई थी अंगूर-मखाने की खास शाही सब्जी. अंगूर में छिपी एंटी एजिंग ताकत यानी जवान बनाए रखने की क्षमता के कारण अंगूर राजाओं की पसंद भी हुआ करते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये खास पौष्टिक सब्जी सबसे पहले उदयपुर की रियासत में बनाई गई थी. समय यानी वक्त बदला तो शाही रसोई की ये सीक्रेट रेसिपी बाहर आई. इस सब्जी का नाम जितना बढ़िया है, इसका स्वाद भी उतना ही जबरदस्त है.
कैसे आया आइडिया?
इतिहास में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक इस सब्जी में पड़ने वाले अंगूर और मखाने दोनों ही काफी रॉयल इंग्रीडिएंट्स हैं. आज हम ठेले से खरीद कर या फ्रूट स्टोर्स से ऑनलाइन ऑर्डर करके जिन अंगूरों का लुत्फ उठाते हैं, वो भारत के हैं ही नहीं. दरअसल, अंगूर सदियों पहले अफगानिस्तान के काबुल से होते हुए भारत आया. यहां आने वाले किसी व्यापारी ने उदयपुर रियासत के राजा को अंगूर भेट किए. राजा को अंगूर इतने पसंद आए कि उन्होंने अपने शाही रसोईये को इस फल से कोई खास डिश बनाने की फरमाइश रखी. जिसके बाद रसोइयों के लंबे रिसर्च, रेफरेल और रेकी करने के बाद मखाने और अंगूर को मिलाकर इस शाही सब्जी को तैयार किया गया.
200 साल पुराना नुस्खा
राजा ने जब इस डिश को चखा तो उन्हें इसका टेस्ट लाजवाब लगा तो अंगूर मखाने की सब्जी रॉयल डाइनिंग टेबल का अटूट हिस्सा बन गई. अंगूर और मखाने दोनों ही महंगे होने के कारण जनता की पहुंच से दूर थे, इसलिए ये डिश लंबे समय तक लोगों को चखना तो दूर देखने को भी नसीब नहीं हुई. कहा जाता है कि इस सब्जी की रेसिपी 200 साल पहले ईजाद हुई थी. आज राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर के कई फाइव स्टार होटल्स में इस रॉयल सब्जी की जबरदस्त डिमांड रहती है.
औषधीय गुण
मखाने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. मखाना वजन कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक मखाने से बीपी भी कंट्रोल में रहता है. वहीं अंगूर के तत्व लोगों को जवान बनाए रखने में मददगार होते हैं. इसलिए लोगों की पहुंच में आने के बाद ये सब्जी धीरे-धीरे पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गई.
डिस्क्लेमर: (इस लेख में प्रकाशित जानकारी इंटरनेट पर मौजूद तथ्यों पर आधारित है. जिसका उद्देश्य पाठकों तक विविध रोचक सूचनाओं को पहचाना है. Zee News इसमें बताए गए फायदों यानी औषधीय गुणों की पुष्टि नहीं करता है.)
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