टामिन ई एक महत्वपूर्ण फैट में घुलनशील एंटीऑक्सीडेंट है जो पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है, विशेष रूप से आंखों और हृदय की सेहत के लिए.
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विटामिन ई एक महत्वपूर्ण फैट में घुलनशील एंटीऑक्सीडेंट है जो पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है, विशेष रूप से आंखों और हृदय की सेहत के लिए. नजरों को तेज करना हो या दिल को हेल्दी रखना हो, अपनी डाइट में विटामिन ई से भरपूर चीजों को शामिल करना आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुरूप है. आज हम आपको विटामिन ई से भरपूर 10 फूड के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.
बादाम: बादाम विटामिन ई का एक पौष्टिक सोर्स है, जो वात और पित्त दोषों को लाभ पहुंचाता है. पाचनशक्ति और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए उन्हें रात भर भिगोएं.
एवोकाडो: एवोकाडो वात और पित्त दोषों के लिए उपयुक्त, साथ ही विटामिन ई का एक अच्छा सोर्स भी. इसे सलाद के रूप में या अकेले भी खाया जा सकता है.
घी: घी, जिसे आयुर्वेद में एक पवित्र भोजन माना जाता है, सभी दोषों में लाभ पहुंचाता है और इसे खाना पकाने में इस्तेमाल किया जा सकता है या अतिरिक्त विटामिन ई के लिए भोजन में डाला जा सकता है.
कद्दू: कद्दू सभी दोषों के लिए आदर्श है और विटामिन ई से भरपूर भी. इसे सूप या साइड डिश के रूप में भुना जा सकता है.
सूरजमुखी के बीज: ये बीज वात और पित्त दोष को शांत करते हैं और विटामिन ई से भरपूर होते हैं. इन्हें भोजन में या नाश्ते के रूप में जोड़ा जा सकता है.
नारियल: विभिन्न रूपों में जैसे कि कटा हुआ नारियल या नारियल तेल सभी दोषों को शांत करता है और विटामिन ई मदद प्रदान करता है.
पालक: विटामिन ई से भरपूर और सभी दोषों के लिए उपयुक्त, पालक का सेवन सॉट एड डिश के रूप में किया जा सकता है या स्मूदी में मिलाया जा सकता है.
ब्राउन राइस: ब्राउन राइस सभी दोषों के लिए पौष्टिक है और विटामिन ई से भरपूर विभिन्न व्यंजनों के लिए मुख्य आधार के रूप में काम कर सकता है.
मूंग दाल: ये दाल सभी दोषों को संतुलित करती हैं और शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ई देता है.
तिल का तेल: सभी दोषों के लिए फायदेमंद तिल के तेल का उपयोग खाना पकाने के रूप में किया जा सकता है.