Aditya Thackeray ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, दोस्ती बनी रहती है.
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दिल्ली के चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी हारकर सत्ता से बाहर हो गई. राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कारण आप सत्ता से बाहर हुई. करीब 13 सीटों पर कांग्रेस के कारण आप के प्रत्याशी जीत नहीं सके. इंडिया गठबंधन के ये दोनों दल यदि मिलकर एक साथ चुनाव लड़ते तो नतीजा कुछ और होता. उसके बाद से ही इंडिया गठबंधन की एकजुटता और भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
इन सबके बीच इंडिया गठबंधन के एक ही एक अन्य घटक दल शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की है.
अरविंद केजरीवाल से मुलाकात
उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात के बाद कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन रिश्ते बरकरार रहते हैं. हमने दोस्त होने के नाते केजरीवाल से मुलाकात की. हालांकि हमारा लोकतंत्र स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है. चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं हैं.
ठाकरे के साथ शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेताओं संजय राउत एवं प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई अन्य नेता थे. उन्होंने दिल्ली में हुए हालिया विधानसभा चुनाव और विपक्षी ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के भविष्य पर चर्चा की.
भाजपा पांच फरवरी को हुए चुनाव में दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 48 सीट जीतकर सत्ता में आई और ‘आप’ को 22 सीट पर जीत मिली.
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और ‘आप’ ‘इंडिया’ के घटक हैं जिसका गठन पिछले साल के लोकसभा चुनावों से पहले हुआ था.
ठाकरे ने निर्वाचन आयोग (ईसी) पर महाराष्ट्र, हरियाणा, ओडिशा और दिल्ली सहित कई राज्यों में मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने लोगों से वोट देने का अधिकार छीन लिया है. वह इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भी तैयार नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मामले को औपचारिक रूप से उठाएगा. ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ‘‘देश के लिए आवश्यक हैं.’’
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राहुल गांधी से मुलाकात
गौरतलब है कि एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में घमासान मच गया है. इस पृष्ठभूमि में आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.
बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने चुनाव आयोजित कराने में निर्वाचन आयोग के खिलाफ लगे आरोपों पर भी चर्चा की.
शरद पवार के शिंदे को ‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने के बाद से महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन एमवीए में उथल-पुथल मची हुई है. शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े ने शिंदे को ‘‘गद्दार’’ करार दिया है और शरद पवार के पुणे स्थित एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ‘सरहद’ द्वारा स्थापित पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किए जाने पर हैरान है.
आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘जो लोग महाराष्ट्र विरोधी हैं, वे राष्ट्र विरोधी हैं. हम ऐसे लोगों को सम्मानित नहीं कर सकते जो इस तरह के गंदे काम में लिप्त हैं. यह हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है. मुझे उनके (शरद पवार के) सिद्धांतों के बारे में पता नहीं है.’’
महाराष्ट्र में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में महायुति ने 288 सदस्यीय सदन में 235 सीट जीती थीं, जबकि विपक्षी दलों के एमवीए गठबंधन को 50 सीट मिली थीं.