Waqf JPC Report: वक्फ संशोधिन बिल को लेकर तैयार की गई जेपीसी की रिपोर्ट आज यानी गुरुवार को राज्यसभा में पेश कर दी गई है. हालांकि विपक्ष ने लागातार इसपर हंगामा किया और कहा कि रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों के सुझावों को नहीं माना गया.
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Waqf JPC Report: राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को लेकर तैयार की गई ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) की रिपोर्ट पेश कर दी गई है. हालांकि विपक्षी सांसदों ने इस रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामे को बढ़ता देख राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ को कुछ देर के लिए सदन स्थगित भी करनी पड़ी. विपक्षी सांसदों की दलील है कि इस रिपोर्ट में कमेटी में शामिल होने वाले विपक्षी सांसदों के सुझावों को शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इसे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करार देते हुए कहा कि मुसलमानों के लिए अलग पैमाना अपनाया जा रहा है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस रिपोर्ट को अलोकतांत्रिक करार देते हुए फर्जी बताया है और कहा कि रिपोर्ट को दोबारा जेपीसी के पास भेजा जाए, क्योंकि इस रिपोर्ट में कमेटी शामिल होने वाले विपक्षी सांसदों के सुझावों को शामिल नहीं किया गया है. खरगे ने आगे कहा,'वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों की असहमति रिपोर्ट है. उन नोटों को हटाना और हमारे विचारों को दबाना सही नहीं है. यह लोकतंत्र विरोधी है. असहमति रिपोर्ट को हटाने के बाद पेश की गई किसी भी रिपोर्ट की मैं निंदा करता हूं. हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे. अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं तो उसे वापस भेजकर दोबारा पेश किया जाना चाहिए.'
#WATCH | Delhi: In the Rajya Sabha, Leader of the Opposition Mallikarjun Kharge says, "... In the JPC report on the Waqf Board, many members have their dissent report... It is not right to remove those notes and bulldoze our views... This is anti-democracy... I condemn any report… pic.twitter.com/e1glZ0AWvr
— ANI (@ANI) February 13, 2025
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मीडिया से बात करते हुए कहा,'वक्फ बिल अब पेश किया जा रहा है. यह संविधान में हमें दिए गए अधिकारों पर हमला है. वक्फ बिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने का एक उदाहरण है. उन्होंने (सरकार ने) हमारे असहमति नोटों को शामिल नहीं किया है. हमने अपने विचार सामने रखे हैं लेकिन हमें नहीं पता कि उन्होंने क्या किया है. वे देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर अपना एजेंडा चला रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा कि इतिहास के अंदर यह काले अक्षरों में लिखा जाएगा. देश के अंदर रहने वाले अल्पसंख्यकों के अधिकारों को किस तरह कुलचा जा सकता है, उसका अगर उदाहरण देखना है तो वक्फ कानून को देख लीजिए.
#WATCH | Delhi | Congress MP Imran Masood says, "The Waqf Bill is being tabled now. It is an attack on the rights provided to us in the Constitution...Waqf Bill is an example of suppressing the rights of minorities...They (the government) have not included our dissent notes. We… pic.twitter.com/sqi0hqFHrU
— ANI (@ANI) February 13, 2025
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा,'अगर आप देखें तो उन्होंने समिति की रिपोर्ट के ऊपर असहमति नोट को काली स्याही या सफेद कागज से सेंसर कर दिया है, जिसे आज पेश किया गया है. अगर हम इस देश को लोकतंत्र मानते हैं, तो हर किसी की राय दिखाई देनी चाहिए. आप हमारी राय कैसे छिपा सकते हैं? हमने आज राज्यसभा में इसका विरोध किया है.'
दूसरी तरफ जवाब में किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्षा गलत और गैर जरूरी मुद्दा उठा रहा है. रिजिजू ने विपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट से कुछ भी नहीं हटाया गया.