MVA political crisis: शरद पवार की तरफ से दिए गए एक पुरस्कार की वजह से महाराष्ट्र के एमवीए में भूचाल मचा हुआ है. इधर दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक में भी रार है. अखिलेश की सपा, ममता की पार्टी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था जब कांग्रेस अकेले मैदान में बीजेपी के खिलाफ थी.
Trending Photos
Rahul Gandhi Aditya Thackeray meeting: दिल्ली ही नहीं महाराष्ट्र की सियासत में भी तगड़ी उथल-पुथल मची हुई है. विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक और महा विकास आघाड़ी में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं. मराठा क्षत्रप शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने के बाद एमवीए में खटपट तेज हो गई है. इसी बीच शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक हालात और आगामी रणनीति को लेकर चर्चा हुई. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक में भी रार
असल में यहां यह भी जान लेना चाहिए कि दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक में भी रार है. अखिलेश की सपा, ममता की पार्टी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था जब कांग्रेस अकेले मैदान में बीजेपी के खिलाफ थी. इस बीच आदित्य ठाकरे और राहुल गांधी की मुलाकात में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर भी चर्चा हुई. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव कराने की प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस ने कई सीटों पर उसे नुकसान पहुंचाया जिससे बीजेपी को फायदा हुआ. इस मुद्दे को लेकर इंडिया ब्लॉक में भी आपसी खींचतान जारी है क्योंकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था, जबकि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही थी.
‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ पर बवाल
वहीं महाराष्ट्र में शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित करने के बाद से एमवीए में बवाल मच गया है. उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने इस कदम को गलत बताया और शिंदे को ‘गद्दार’ करार दिया. आदित्य ठाकरे ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जो लोग महाराष्ट्र विरोधी हैं वे राष्ट्र विरोधी हैं, और ऐसे लोगों को सम्मानित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने शरद पवार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ है.
यह वही शिंदे है जिन्होंने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराकर बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद संभाल लिया था. अब राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम बड़ा बदलाव ला सकता है. शरद पवार के इस फैसले से एमवीए में अंदरूनी दरारें और गहरी हो गई हैं. वहीं बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महायुति गठबंधन ने बीते विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया था, जिससे एमवीए को बड़ा झटका लगा.
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी
फिलहाल आदित्य ठाकरे की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इसका आगे क्या असर होगा. बताया जा रहा है कि आदित्य ठाकरे अरविंद केजरीवाल से भी मिलने वाले हैं जिससे विपक्षी गठबंधन में नई रणनीति पर चर्चा हो सकती है. फिलहाल अब देखना है कि विपक्ष का ऊंट किस करवट बैठने वाला है.