मोतिहारी के कोटवा थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते 11 वर्षीय गुनगुन यादव की हत्या कर दी गई. इससे पहले 2020 में शंभु यादव की हत्या हुई थी, 2021 में जयप्रकाश यादव को गोली मारी गई थी और अब उनकी बेटी की जान चली गई. पुलिस की जांच में परिवार और बाहरी रंजिश दोनों को लेकर संदेह जताया जा रहा है.
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मोतिहारी जिले के कोटवा थाना क्षेत्र में जमीन विवाद ने एक बार फिर खून बहाने की नई इबारत लिख दी. पहले 2020 में शंभु यादव की हत्या हुई, फिर 2021 में हत्या के आरोपी जयप्रकाश यादव को गोली मार घायल कर दिया गया था और अब 2025 में जयप्रकाश यादव की बेटी गुनगुन को भी इस विवाद में अपनी जान गंवानी पड़ी. इस सिलसिलेवार हत्याओं ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है.
गुनगुन पर जानलेवा हमला
कोटवा थाना क्षेत्र के फतुहा गांव में 28 जनवरी की रात 11 वर्षीय गुनगुन यादव पर धारदार हथियार से हमला किया गया था. वह अपने घर में सो रही थी, तभी सिर पर घातक वार किया गया. गंभीर रूप से घायल गुनगुन को पहले मोतिहारी सदर अस्पताल और फिर पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. 10 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया.
हत्या के पीछे परिवार या दुश्मनी? पुलिस जांच में उलझी गुत्थी
गुनगुन की हत्या के बाद पुलिस की जांच कई एंगल से जारी है. कोटवा पुलिस ने एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड की मदद से जांच शुरू की. चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना के वक्त गुनगुन अपने माता-पिता और भाई के साथ एक ही बेड पर सोई थी, लेकिन हमला सिर्फ उसी पर हुआ. घटना के बाद गुनगुन के पिता अपने घर के पास ही स्थित एक अन्य घर में मौजूद थे, लेकिन आधे घंटे तक पुलिस के पहुंचने के बाद भी वह अपनी बेटी के पास नहीं पहुंचे. वहीं, जिन पर गुनगुन पर हमला करने और उसे घायल करने का आरोप है, वे अपने घर में आराम से सो रहे थे. इस घटनाक्रम को देखकर पुलिस का शक गुनगुन के पिता पर भी गहरा गया है. पुलिस का शक गुनगुन के पिता और चाचा की ओर भी जा रहा है, जबकि परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस असली आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है.
दरोगा राय पर लगे गंभीर आरोप, पुरानी रंजिश बनी विवाद की जड़?
गुनगुन के परिजनों ने डाक के माध्यम से कोटवा पुलिस को एक फरदबयान भेजा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्रामीण दरोगा राय ने गुनगुन का किडनैप करने की कोशिश की और उसे बचाने के प्रयास के दौरान धारदार हथियार से हमला किया. दरोगा राय वही हैं जिनके चाचा की हत्या 2020 में हुई थी, और इस हत्या के आरोप गुनगुन के पिता समेत कई अन्य लोगों पर लगे थे. इसके बाद 2021 में गुनगुन के पिता को गोली मारी गई थी, और इस हमले का आरोप भी दरोगा राय पर था. अब गुनगुन पर हमले का आरोप भी दरोगा राय पर ही लगा है. इस बीच, दरोगा राय के चाचा की हत्या के मुकदमे का ट्रायल कोर्ट में चल रहा है. पुलिस का मानना है कि गुनगुन पर हुए हमले और दरोगा राय के चाचा की हत्या के मुकदमे के बीच कोई संबंध हो सकता है.
गुनगुन को कब मिलेगा इंसाफ?
गुनगुन की हत्या के 10 दिन बाद भी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. कोटवा थानाध्यक्ष राज रूप राय ने कहा कि पुलिस जल्द ही हत्यारा को गिरफ्तार करेगी. इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जमीनी विवाद कैसे अपनों के खून से लाल होता जा रहा है.
इनपुट- पंकज कुमार
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