Bihar Land Survey: बिहार में 17 लाख एकड़ सरकारी भूमि की हुई पहचान, 31 लाख खेसरा चिन्हित
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Bihar Land Survey: बिहार में 17 लाख एकड़ सरकारी भूमि की हुई पहचान, 31 लाख खेसरा चिन्हित

बिहार में सरकारी जमीन की पहचान और सत्यापन का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें अब तक 31 लाख 60 हजार 947 सरकारी खेसरा की पहचान की गई है, जो कुल 17 लाख 86 हजार 276 एकड़ भूमि को कवर करता है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस सत्यापन प्रक्रिया को विभिन्न सरकारी परियोजनाओं और विभागीय जरूरतों के लिए जमीन मुहैया कराने के उद्देश्य से कर रहा है.

Bihar Land Survey 17 lakh acres of government land identified in Bihar

बिहार में सरकारी जमीन की पहचान और सत्यापन का कार्य तेज़ी से चल रहा है. अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुल 31 लाख 60 हजार 947 सरकारी खेसरा की पहचान की जा चुकी है, जिनका कुल रकबा 17 लाख 86 हजार 276 एकड़ है. इस सत्यापन कार्य का उद्देश्य सरकारी जमीन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है, ताकि इसे सरकारी परियोजनाओं और विभागीय जरूरतों के लिए उपलब्ध कराया जा सके. इस प्रक्रिया में सभी समाहर्ताओं को सरकारी जमीन की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर पत्र भेजे गए हैं.  

राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन की सुरक्षा को लेकर सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों और अंचल अधिकारियों को सौंपी है. विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सरकारी भूमि की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है, और सभी अधिकारियों को सत्यापन प्रक्रिया को गति देने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं.  

राजस्व विभाग का कहना है कि राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों को भवन निर्माण और अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए जमीन की आवश्यकता होती है. विभाग इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कानून के तहत सरकारी जमीन मुहैया कराएगा. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि परियोजनाओं के लिए जरूरी भूमि समय पर उपलब्ध हो सके, जिससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न आए.  

सरकारी भूमि की जानकारी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि, राज्य के 45,859 मौजा में से 1,355 मौजा में अभी तक ऑनलाइन इंट्री का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. पिछले सर्वेक्षणों के आधार पर, सभी प्रकार की सरकारी भूमि की जानकारी जैसे सीएस खतियान, आरएस खतियान और चकबंदी खतियान पहले ही ऑनलाइन दर्ज की जा चुकी है.  

28 जनवरी 2025 को मुख्य सचिव स्तर पर इस सत्यापन कार्य की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में सत्यापन प्रक्रिया को और तेज़ी से पूरा करने और भू अभिलेखों को पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर जोर दिया गया. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सत्यापन कार्य में जल्द से जल्द प्रगति करें और पूरी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएं. 

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