बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव, सीएम नीतीश ने की कई दूरदर्शी पहल
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बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव, सीएम नीतीश ने की कई दूरदर्शी पहल

Bihar Education Revolution: बिहार सरकार ने 2024-25 में शिक्षा के लिए 52,639.03 करोड़ रुपये का बजट जारी किया, जिससे राज्य में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग और उच्च शिक्षण संस्थानों का तेजी से विकास हो रहा है.

CM Nitish visionary initiativ to Revolutionary change education in Bihar

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शिक्षा को राज्य विकास का प्रमुख आधार बनाया है. उनका मानना है कि शिक्षा न केवल आर्थिक उन्नति का साधन है, बल्कि एक सभ्य और नैतिक समाज के निर्माण का भी आधार है. राज्य सरकार ने 'सात निश्चय' योजना के तहत स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक शिक्षण तकनीकों को लागू किया है. इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा मिल रही है.  

शिक्षा बजट में ऐतिहासिक वृद्धि
बिहार सरकार ने शिक्षा के लिए इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 52,639.03 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. यह बजट देश में शिक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने वाले राज्यों में बिहार को शीर्ष पर लाता है. केंद्र सरकार की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, बिहार ने अपने जीएसडीपी का 2.17 प्रतिशत उच्च शिक्षा पर खर्च किया है, जो देश में अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है. आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य उच्च शिक्षा पर एक प्रतिशत भी खर्च नहीं कर सके, जबकि बिहार इस क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है.  

उच्च शिक्षण संस्थानों और आधारभूत संरचना का विकास
बिहार में उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. राज्य सरकार ने नई विश्वविद्यालय इमारतों, कॉलेजों और शोध संस्थानों की स्थापना की है. केंद्र सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में भी बिहार में शिक्षा संरचना के विस्तार की सराहना की गई है. पिछले 10-12 वर्षों में बिहार ने चार बार उच्च शिक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने का कीर्तिमान स्थापित किया है.  

स्कूल ड्रॉपआउट दर में ऐतिहासिक गिरावट
बिहार में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर में भी ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है. पहले जहां यह दर 12 प्रतिशत से अधिक थी, वहीं अब यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम हो गई है. यह उपलब्धि सरकार की समर्पित नीतियों और योजनाओं का परिणाम है. मध्याह्न भोजन योजना से बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है और पोषण स्तर में सुधार हुआ है.  

महिला साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि
बिहार में महिलाओं की साक्षरता दर में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है. 2003 में यह दर मात्र 34 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 74 प्रतिशत से अधिक हो गई है. सरकार की पोशाक और साइकिल योजना ने लड़कियों को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया है. यह बदलाव राज्य में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है.  

शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा स्तर में सुधार
राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात में भी बड़ा सुधार हुआ है. वर्ष 2005 में यह अनुपात 65:1 था, जो 2024 में घटकर 35:1 हो गया है. बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे कक्षाओं में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हुआ है.  

शिक्षित बिहार, विकसित बिहार' की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार का 'शिक्षित बिहार, विकसित बिहार' का सपना साकार होता दिख रहा है. सरकार की योजनाएं और निवेश राज्य को एक सशक्त और शिक्षित समाज की ओर ले जा रहे हैं. बिहार का यह प्रयास पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुका है.

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