बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा सियासी दांव खेलते हुए अपने करीबी कृष्ण अल्लावरु को बिहार का नया प्रभारी नियुक्त किया है. इस कदम से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी साफ संकेत दे दिया गया है कि अब बिहार में कांग्रेस अपने दम पर सियासी जमीन मजबूत करने की तैयारी में है.
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कांग्रेस पार्टी ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए युवा नेता और राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावरु को बिहार का नया प्रभारी नियुक्त किया है. उन्होंने वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश की जगह ली है. वे राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ समन्वय की जिम्मेदारी संभालेंगे. शुक्रवार देर रात जारी सूची में कई राज्यों के प्रभारियों के नाम बदले गए, जिनमें बिहार के प्रभारी के तौर पर कृष्णा अल्लावरु का नाम भी शामिल है. झारखंड के नए प्रभारी के राजू बनाए गए हैं, जो कांग्रेस के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में लगातार बदलाव की मांग उठ रही थी. महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. दिल्ली चुनाव में हार के बाद हुई बैठकों में पार्टी नेताओं ने संगठन में सुधार और बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया. हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण पार्टी ने जीत का मौका गंवा दिया. इन हारों के बाद से ही कांग्रेस संगठन में व्यापक बदलाव की तैयारी कर रही थी, जिसका नतीजा कृष्ण अल्लावरु और के. राजू की नियुक्ति के रूप में सामने आया है.
बिहार कांग्रेस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह 70 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी. इस फैसले से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में नाराजगी देखी गई है. राहुल गांधी भी बिहार चुनाव में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और पिछले एक महीने में दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुनावी रणनीति पर चर्चा भी की. ऐसे में कृष्ण अल्लावरु की नियुक्ति से बिहार कांग्रेस में नया उत्साह देखने को मिल सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे कांग्रेस को राजद की छत्रछाया से निकालकर स्वतंत्र पहचान दिला पाएंगे.
कर्नाटक से आने वाले कृष्ण अल्लावरु युवा और उत्साही नेता माने जाते हैं. वे पहले भारतीय युवा कांग्रेस के प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी माने जाते हैं. उनकी संगठनात्मक क्षमता और रणनीतिक सोच के कारण उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके नेतृत्व में बिहार कांग्रेस को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. कांग्रेस नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की तैयारियों को मजबूती मिलने की संभावना है. झारखंड में भी राहुल गांधी के करीबी के. राजू की नियुक्ति से कांग्रेस के संगठनात्मक बदलाव में युवाओं और नए नेतृत्व को महत्व दिया गया है.
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