Neeraj Kumar on Jan Suraj Party: नीरज कुमार इस बार दस्तावेजों के साथ प्रशांत किशोर पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने कुछ तथ्य भी सामने रखे और आरोप लगाया कि जन सुराज पार्टी को तेलंगाना से सबसे अधिक फंडिंग हो रही है. इस बात को लेकर उन्होंने सवाल भी उठाया कि आखिर तेलंगाना के लोगों को बिहार की राजनीति में इतना इंटरेस्ट क्यों है?
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Bihar Politics: जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करके जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर जोरदार हमला बोला. सवालों की बौछार करते हुए नीरज कुमार ने कहा, प्रशांत किशोर राजनीति का चिट फंड कंपनी चला रहे हैं. नीरज कुमार ने पूछा, जनसुराज पार्टी का नेतृत्व किसके हाथ में है और पर्दे के पीछे इसे कौन चला रहा है. उन्होंने कहा, 'जन सुराज पार्टी पहली ऐसी पार्टी है, जिसके बैनर और पोस्टरों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर नहीं होती. पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा हैं, लेकिन प्रशांत किशोर खुद को पार्टी का संरक्षक बताते हैं. प्रशांत किशोर पार्टी में किस पद पर हैं, अगर वह संरक्षक है तो चुनाव आयोग के दस्तावेज में उनका नाम क्यों नहीं है? पार्टी का असली चेहरा कौन है? यह खुद पार्टी के लोग भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं.' उन्होंने इस बात को लेकर भी सवाल उठाया कि बिहार की राजनीति के लिए तेलंगाना से सबसे अधिक फंडिंग क्यों की जा रही है?
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नीरज कुमार ने कहा, 'प्रशांत किशोर कहते हैं कि जन सुराज पार्टी को फंडिंग मिल रही है, लेकिन असल में पैसा उनकी पार्टी को नहीं बल्कि जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन को दिया जा रहा है. जन सुराज फेलोशिप के दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है. इसका पूरा प्रबंधन जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाऊंडेशन करती है. जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन का वित्तीय प्रबंधन तीन लोग संभालते हैं: उदय सिंह, अनुभव कुमार और सरत कुमार मिश्रा. यह संस्था एनजीओ के रूप में काम करती है लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कानूनी रूप से अमान्य है.'
नीरज कुमार ने कहा, 'जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन के डायरेक्टर हर दो से तीन वर्ष में बदल दिया जाता है. इसके पीछे क्या कारण है? वित्तीय वर्ष 2023-24 में जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन को 48.75 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में मिला. इसमें सबसे बड़ा डोनेशन रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से 14 करोड़ आया है. यह भी पाया गया कि डोनेशन देने वाली 13 कंपनियां तेलंगाना/हैदराबाद में रजिस्टर्ड हैं. सवाल उठता है कि बिहार की राजनीति के लिए तेलंगाना की कंपनियां इतना बड़ा फंडिंग क्यों कर रही हैं.'
नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि राम सेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने 14 करोड़ रुपये चंदा दिया, जबकि इसकी पैड अप कैपिटल सिर्फ 6.53 करोड़ ही है. रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक फर्जी कंपनी की तरह प्रतीत हो रही है, क्योंकि कंपनी का नाम और निदेशक हर 2 वर्ष में बदल दिया जाता है. CIN नंबर एक ही है. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा, 'जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन समाजसेवा है या काले धन को व्हाइट करने की योजना है.' उन्होंने कहा, 'टेंट वाले महादलित दीपक से भी ये दो तरह का बिल लेते थे. एक जन सुराज के नाम पर और एक जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन के नाम पर.'
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नीरज कुमार ने यह भी कहा, 'हम बिहार के लोगों को अभी से सचेत कर रहे हैं,. अब विधिक सलाह लेकर जो सक्षम एजेंसी है, न्यायपालिका है, उसके माध्यम से इसकी जांच शुरू कराई जाएगी और इसको मुकाम तक ले जाया जाएगा.'