Money Laundering: ईडी की पूछताछ में रोने लगा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, मिली 100 करोड़ की अकूत संपत्ति, गिरफ्तार
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Money Laundering: ईडी की पूछताछ में रोने लगा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, मिली 100 करोड़ की अकूत संपत्ति, गिरफ्तार

Money Laundering: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास में चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया है. इंजीनियर वीरेंद्र राम से लंबे समय से पूछताछ की गई. बता दें कि 21 फरवरी को ईडी ने राज्य में 24 जगहों पर छापेमारी की थी

Money Laundering:  ईडी की पूछताछ में रोने लगा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, मिली 100 करोड़ की अकूत संपत्ति, गिरफ्तार

रांचीः Money Laundering: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास में चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया है. इंजीनियर वीरेंद्र राम से लंबे समय से पूछताछ की गई. बता दें कि 21 फरवरी को ईडी ने राज्य में 24 जगहों पर छापेमारी की थी जो 22 फरवरी को समाप्त हुई थी. ये छापेमारी वीरेंद्र राम से जुड़े कई ठिकानों पर की गई थी. वहीं राज्य में भ्रष्टाचार मामले में किसी इंजीनियर के खिलाफ की जाने वाली यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी है. 

30 घंटे से ज्यादा देर तक चली ED की छापेमारी
इस कार्रवाई के बाद कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी की गई है. बता दें कि 21 फरवरी को छापामारी के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर वीरेंद्र राम से पूछताछ शुरू हुई. इस दो दिन की छापेमारी में बीरेंद्र राम से गहन पूछताछ हुई. पूछताछ के दौरान वे कई बार रोने भी लगे. मिली जानकारी के मुताबिक बीरेंद्र राम ने इन बातों को फिलहाल सार्वजनिक करने से इनकार किया है.    

इंजीनियर के ठिकानों से कई महंगी गाड़ियां बरामद
ईडी की अब तक की छापेमारी के दौरान चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के विभिन्न ठिकानों से 100 करोड़ से ज्यादा मूल्य की अकूत संपत्ति के दस्तावेज मिले है. वहीं घर से डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा के सोने चांदी और हीरे के जेवरात बरामद किए गए हैं. ईडी ने इस कार्रवाई के दौरान लगभग एक दर्जन महंगी गाड़ियों को भी बरामद किया है. फिलहाल बरामद संपत्तियों को लेकर इंजीनियर से पूछताछ जारी है.

ऐसे प्रकाश में आया मामला
ये मामला राज्य सतर्कता ब्यूरो की शिकायत के बाद प्रकाश में आया है. जिसमें सरकारी काम के अनुदान के बदले कुछ कथित कमीशन का भुगतान किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इन आरोपों के संबंध में अधिक सबूत इकट्ठा करने के उद्देश्य से छापेमारी की गई थी.

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