पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हालांकि बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है.
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नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस (Congress) ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है. सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल आज दोपहर 2 बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे. कांग्रेस ने समान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साझा मंच पर आने का आमंत्रण भेजा है.
पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया था. अब उनके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी द्वारा बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है.
2. ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020
वहीं, दिल्ली में सत्तासीन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने भी साफ कर दिया कि वह कांग्रेस द्वारा आहूत आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी.
Delhi: Aam Aadmi Party (AAP) will not attend today's opposition meeting called by Congress to discuss the current political situation in the country. pic.twitter.com/QlGsS6S9aG
— ANI (@ANI) January 13, 2020
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी विपक्षी राजनीतिक दल इस बैठक में शामिल होंगे. समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नए गठबंधन साझेदार शिवसेना बैठक में शामिल हो सकते हैं.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को वापस लेने की मांग की है. सीडब्ल्यूसी के इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते ही कांग्रेस शासित राज्य इस संकल्प को अपना सकते हैं.
सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को एक बैठक में एक संकल्प पारित करने के बाद कहा, "(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने देशभर के युवाओं और छात्रों की आवाज का दमन करने, वश में करने या दबाने के लिए क्रूरता अपनाई है."