CATS Warrior: बेंगलुरु में आयोजित हो रहे टॉप एयरोस्पेस एग्जिबिशन में कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम लोगों का ध्यान अपनी ओर खूब आकर्षित कर रहा है. यह मानवरहित लडाकू विमान हवाई युद्ध में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
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CATS Warrior: बेगंलुरु में एशिया का टॉप एयरोस्पेस एग्जिबिशन लगा हुआ है. यह कार्यक्रम येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर 10-14 फरवरी के बीच आयोजत हो रहा है, जिसमें भारत की सैन्य ताकत की झलक देखने को मिल रही है. बता दें कि एयरो इंडिया 2025 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का फ्यूचरिस्टिक मानवरहित विंगमैन ड्रोन डेमंस्ट्रेटर, कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) वॉरियर सबसे अधिक लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. इस मानवरहित लडाकू विमान ( UCAV) का फुल स्केल प्रोटोटाइप का अनावरण किया गया, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक बेहद जरूरी मील का पत्थर साबित होगा.
CATS की खासियत
CATS वॉरियर कई तरह के काम कर सकता है, जैसे स्काउटिंग, दूश्मनों की गोलीबारी को अवशोषित करना और टारगेट पर अटैक करना. यह मदरशिप एयरक्राफ्ट से कंट्रोल किया जा सकता है. यह मिशन खत्म करने के बाद वापस बेस में लौटने की क्षमता भी रखता है. जोखिम भरी स्थिति में यह खुद को गंभीर टारगेट पर क्रैश करके अपना बलिदान भी दे सकता है. इसे लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ( LCA) तेजस जैसे ह्यूमन मेड फाइटर जेट्स के साथ डिजाइन किया गया है. CATS में स्टेल्थ क्षमताएं, इंटकरनल वेपन बे और एडवांस्ट एविऑनिक्स है. इस ड्रोन को बोइंग घोस्ट बैट जैसे मानव रहित लड़ाकू विमान की तरह बनाया गया है. यह दुश्मन के इलाके में 700 किलोमीटर तक की गहराई पर सटीक हमला करने की क्षमता रखता है.
हवाई युद्ध में लाएगा क्रांति
CATS वॉरियर HAL के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर ( ARDC) का ही प्रोडक्ट है. यह CATS प्रोग्राम के कॉम्प्रिहेंसिव कंपोनेंट का प्रतिनिधित्व करता है. इस मानव रहित लड़ाकू विमान को न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीस ( NRT) के सहयोग से बनाया गया है. जो पायलट के जोखिम को कम करने के साथ ही मिशन को अधिक प्रभावशाली बनाने और हवाई युद्ध में क्रांति लाने के लिए बनाया गया है.
CATS वॉरियर का डिजाइन
CATS वॉरियर का हाइब्रिड डिजाइन MQ-28 घोस्ट बैट और XQ-58 Valkyrie की यादें ताजा करता है. इसके सिर के उपर एक सिंगल सर्पेंटाइन एयर इनटेक है, जो ट्रिन इंजन की तरफ जाता है. इसके जरिए इसकी एरोडाइनेमिक्स क्षमता बढ़ती है और रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करता है. यह एडवांस एविऑनिक्स, इलेक्ट्रो ऑप्टिक या इंफ्रारेड पेलोड, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड एरे ( AESA) रडार से लैस है. यह 2 जनरेशन शॉर्ट रेंज या विजुअल रेंज से दूर एयर टू एयर मिसाइल को कैरी कर सकता है.