Himanta Biswa Sarma On Congress: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. शर्मा ने कहा कि जिस पार्टी ने आपातकाल लगाया, संविधान को निलंबित किया, लोकतंत्र की हत्या की, वही कांग्रेस संविधान के नाम पर जुलूस निकाल रही है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ‘बेशर्म’ कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा.
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Congress shameless party: Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस को ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए संविधान निर्माता डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने वाली एक ‘बेशर्म’ पार्टी करार दिया. उन्होंने बुधवार को दावा किया कि कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू के परिवार के नेताओं के नाम पर अनगिनत योजनाएं शुरू कीं और कई संस्थान स्थापित किए, लेकिन आंबेडकर के नाम पर ऐसा कुछ नहीं किया गया. शर्मा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस को कोई शर्म नहीं है.
कांग्रेस को ‘बेशर्म’ कहना अतिशयोक्ति नहीं
जिस पार्टी ने आपातकाल लगाया, संविधान को निलंबित किया, लोकतंत्र की हत्या की, वही कांग्रेस संविधान के नाम पर जुलूस निकाल रही है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ‘बेशर्म’ कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इंदिरा गांधी आवास योजना शुरू की, राजीव गांधी के नाम पर कई योजनाएं शुरू कीं और देश के कई बड़े विश्वविद्यालयों का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा.
कांग्रेस ने आंबेडकर के नाम पर कुछ नहीं किया
शर्मा ने कहा, ‘‘...लेकिन क्या आपने बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर एक भी योजना समर्पित की है? विश्वविद्यालय तो छोड़िए, क्या आपने उनके नाम पर एक स्कूल का नाम भी रखा है? शर्मा ने कहा, ‘‘क्या कोई मुझे बता सकता है कि आज से पहले राजीव भवन में आंबेडकर की कोई तस्वीर थी? मैं 22 साल तक कांग्रेस में था और मैंने राजीव भवन में उनकी कोई तस्वीर नहीं देखी.’’ उन्होंने कहा कि मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में आंबेडकर जयंती मनाई गई. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने आंबेडकर की प्रतिमा या चित्र पर माल्यार्पण कब से शुरू कर दिया.
कांग्रेस को सिर्फ राजनैतिक लाभ चाहिए
उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर द्वारा मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिए जाते समय कहा गया था कि देश को नुकसान नहीं होगा. आपने दुनिया में सभी को भारत रत्न दिया, लेकिन आंबेडकर को नहीं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंबेडकर की स्मृति, विचारधारा, बलिदान को हथियार बना दिया गया है. ऐसा शर्मनाक कृत्य भारत में पहले कभी नहीं हुआ.’’ इनपुट भाषा से भी