AAP Punjab crisis: कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि भगवंत मान केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं और दिल्ली की आप इकाई से अलग राह पकड़ सकते हैं. बाजवा ने पंजाब आप के अध्यक्ष अमन अरोड़ा के हालिया बयान का भी जिक्र किया.
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Delhi Election Result Impact: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी धराशायी हो गई है. इन सबके बीच पंजाब में हलचल तेज हो गई है. आप की करारी हार के बाद अब पंजाब में भी पार्टी के टूटने की आशंका जताई जा रही है. पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के सीनियर लीडर प्रताप सिंह बाजवा ने तो दावा किया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान जल्द ही महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे की राह पर चल सकते हैं. बाजवा का कहना है कि आप के 30 से अधिक विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं और कभी भी दल बदल सकते हैं.
दिल्ली में हार से डगमगाई आप.. पंजाब में हलचल तेज
असल में दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने आप के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं जबकि आप मात्र 22 सीटों पर सिमट गई. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार परवेश वर्मा से 4,089 वोटों से हार गए. बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में आप पहले से ही दो गुटों में बंटी हुई है एक जो भगवंत मान के साथ है और दूसरा जो दिल्ली के नेतृत्व से तालमेल नहीं बिठा पा रहा.
क्या भगवंत मान और केजरीवाल के बीच सत्ता संघर्ष?
प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि भगवंत मान केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं और दिल्ली की आप इकाई से अलग राह पकड़ सकते हैं. बाजवा ने पंजाब आप के अध्यक्ष अमन अरोड़ा के हालिया बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब के मुख्यमंत्री का सिख होना जरूरी नहीं है. बाजवा के मुताबिक यह बयान दिल्ली नेतृत्व के इशारे पर दिया गया ताकि भविष्य में केजरीवाल को पंजाब की राजनीति में उतारने की भूमिका तैयार की जा सके. उन्होंने कहा कि वे पहले ही केजरीवाल को पंजाब भेजने की तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली की हार से पहले ही उन्हें इसका अंदाजा हो गया था.
तो क्या पंजाब में आप सरकार पर संकट के बादल?
पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद से ही पार्टी के कई विधायक असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. बाजवा ने कहा कि बहुत से विधायक पिछले एक साल से कांग्रेस के संपर्क में हैं और मान सरकार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नजरें भी पंजाब की आप सरकार पर टिकी हुई हैं और आने वाले समय में बड़े राजनीतिक बदलाव हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की हार के बाद अब भगवंत मान सरकार का टिकना मुश्किल है.
विपक्ष का हमला... झूठ और धोखे की सरकार
फिलहाल दिल्ली में आप की हार के बाद पंजाब में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने पार्टी पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने इसे नकली क्रांतिकारियों की हार बताया जो अपने वादों से पीछे हट गए. वहीं बीजेपी नेता सुभाष शर्मा ने कहा कि दिल्ली की जनता ने बता दिया कि झूठे वादों के सहारे ज्यादा दिन तक राज नहीं किया जा सकता. फिलहाल दिल्ली में मिली करारी शिकस्त के बाद पंजाब में भी आप की स्थिति डांवाडोल होती दिख रही है.