Mumbai Attack: 15 साल पहले पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में हमला करने की गुस्ताखी की थी जिसका खामियाजा पाकिस्तान आज भी भुगत रहा है और भविष्य में भी उसके आतंकी मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे.
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Indian Coast Guard Preparation: पाकिस्तान (Pakistan) की आतंकी फैक्ट्री से निकलने वाले आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए देश के जाबांज जान की बाजी लगाकर भी उन्हें जहन्नुम का रास्ता दिखाते हैं. अब 26/11 की बरसी से पहले समुद्री सीमाओं पर चौकसी भी बढ़ाई गई है. कोस्ट गार्ड 24 घंटे पेट्रोलिंग पर है और समुद्र में होने वाली हर हलचल पर नजर बनी हुई है. सुरक्षा बलों का मकसद एक ही है और वो है कसाब जैसा दुस्सास कोई आतंकी ना कर पाए. कोई कसाब फिर से समुद्र के जरिए भारत में ना घुस पाए.
कोस्ट गार्ड की मुस्तैदी से दुश्मनों में दहशत
समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए कोस्ट गार्ड के जवान इसी अंदाज में 24 घंटे मुस्तैदी से डटे रहते हैं. मौसम कैसा भी हो, समुद्र में तैनात भारत माता के ये जांबाज जवान अपनी ड्यूटी बखूबी निभाते हैं. समुद्र की लहरों के बीच हवा में लहराता तिरंगा भारत की आन-बान और शान की बानगी दिखाता है. कच्छ की खाड़ी में कोस्ट गार्ड की मौजूदगी देश के दुश्मनों के बीच दशहत बढ़ाने के लिए काफी है.
एडवांस टेक्नोलॉजी से चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर
एडवांस टेक्नोलॉजी और हथियारों से लैस जवान चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखते हैं. इनकी कोशिश यही होती है कि समुद्री सीमा पूरी तरह सुरक्षित रहे. कोस्ट गार्ड के डीजी राकेश पाल ने कहा कि मैं आपको विश्वास के साथ बता सकता हूं कि भारतीय तटरक्षक बल के पास पूरे भारत में गश्त के लिए लगभग 55 से 60 जहाज हैं. हमारे पास लगभग 10-12 विमान और हेलीकॉप्टर हैं जो रोज उड़ान भरते हैं. इसलिए किसी भी घटना पर हमारी प्रतिक्रिया में 1 या 2 घंटे से ज्यादा वक्त नहीं लगता.
पाकिस्तान दोबारा नहीं कर पाएगा हिमाकत
2008 में पाकिस्तानी आतंकी समुद्र के रास्ते ही मुंबई में दाखिल हुए थे, उसके बाद से ही समुद्री सीमा की हिफाजत को लेकर काफी सतर्कता बढ़ गई है. आतंक का आका पाकिस्तान पहले जैसी हिमाकत करने की हिम्मत अब नहीं जुटा पाता इसकी सबसे बड़ी वजह कोस्ट गार्ड की सजगता है. समुद्र में बेहतरीन तालमेल के साथ जवान देश की सुरक्षा के लिए चौकस रहते हैं.
समुद्र में नहीं होगी आतंकी एक्टिविटी
डीजी राकेश पाल ने कहा कि हम समुद्री पुलिस के साथ अच्छा तालमेल बनाए रखते हैं. समुद्री सुरक्षा में जो भी शामिल हैं उनके साथ हमारा बेहतर तालमेल है. हम इंटेलीजेंस एजेंसीज और राज्यों की एजेंसीज के साथ भी तालमेल बनाकर रखते हैं. आपको पता है कि दो दिन पहले हमने एक बोट पकड़ी थी, ये पहली बार नहीं था जब हमने बोट पकड़ी हो. इससे पहले हमने बड़ी मात्रा में सीमा के पास ड्रग्स भी बरामद की. हमारे जहाज ये सुनिश्चित करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं कि हमारा जल क्षेत्र किसी भी आतंकवादी गतिविधि से मुक्त है.
कच्छ की खाड़ी में हमारे जवान सीना तान कर खड़े रहते हैं. अलग-अलग बोट पर सवार होकर जवानों की टीम पेट्रोलिंग के लिए निकलती है. ये सिलसिला 24 घंटे चलता है. सुरक्षा में किसी तरह की चूक ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जाता है. जवानों की ये मुस्तैदी दुश्मन पाकिस्तान को पस्त करने के लिए काफी है.
कोस्ट गार्ड असिस्टेंट कमांडेंट प्रणव करपे ने कहा कि कच्छ की खाड़ी के संवेदनशीलता को देखते हुए इंडियन कोस्ट गार्ड 24 घंटे यहां मुस्तैद रहती है. पाकिस्तान की पोस्ट हमारे बेहद करीब है, कच्छ की खाड़ी से ही 70-80 फीसदी ऑयल एक्सपोर्ट होता है इसीलिए यहां 24 घंटे सुरक्षा कड़ी रहती है. यहां किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलने पर हम जाते हैं और अपनी प्रक्रिया के तहत बोट तक पहुंचते हैं और जो भी जरूरी होता है वो कदम उठाते हैं. कच्छ की खाड़ी में 24 घंटे सुरक्षा चाक चौबंद रहती है.
कोस्ट गार्ड की मुस्तैदी की वजह से दुश्मन समुद्र के रास्ते भारतीय सीमा दाखिल होना तो दूर यहां पहुंचने तक की भी हिम्मत नहीं जुटा पाते. सुरक्षा को लेकर अलग-अलग वक्त पर युद्ध अभ्यास भी किए जाते हैं. कोस्ट गार्ड की कोशिश यही है कि किसी भी कीमत पर कच्छ की खाड़ी समेत पूरा समुद्री रूट आतंकियों के लिए काल साबित हो.
डीजी राकेश पाल ने कहा कि हर साल हम लोग कोस्टल सिक्योरिटी एक्सरसाइज, सागर कवच एक्सरसाइज, बोर्डिंग एक्सरसाइज, इसके अलावा एयरफोर्स और आर्मी भी इस जगह कई एक्सरसाइज करते हैं. एयरफोर्स हमेशा अपनी प्रक्रिया दोहराती है कि रिफाइनरीज को सुरक्षा कैसे पुख्ता करनी है. कोस्ट गार्ड भी अपनी एक्सरसाइज में जुटी रहती है, राज्य सरकारों और नेवी समेत दूसरी एजेंसियों के साथ. मैं अपको ये विश्वास दिलाता हूं कि जब बात समुद्री सुरक्षा और देश की सुरक्षा की हो तो कोस्ट गार्ड वो सभी कदम उठाता है जिससे समुद्री सीमाएं आतंकवाद मुक्त हों, इसके लिए तमाम एजेंसियों से तालमेल के साथ सभी प्रसास किए जाते हैं.
समुद्र में कोस्ट गार्ड की तरह ही नेवी भी पूरी तरह एक्टिव है. ये वीडियो भारत और रूसी नेवी के साझा अभ्यास का है. बंगाल की खाड़ी में दोनों देशों के नौसैनिकों ने जमकर अभ्यास किया. इस दौरान भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर रूसी नौसेना के जहाज पर उतरे. युद्ध की स्थिति में दुश्मनों को कैसे जवाब देना है और कैसे सबक सिखाना है. इसका अभ्यास भी किया गया.
भारत और रूस की दोस्ती हर क्षेत्र में बेहद मजबूत है और बंगाल की खाड़ी में किया या ये युद्ध अभ्यास रक्षा क्षेत्र में दोस्ती को नया आयाम देने वाला है. साथ ही भारत के दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी है. जल-थल और नभ हर जगह भारतीय जवान मुस्तैद हैं. समुद्री सीमा हो या जमीनी सुरक्षा हर जगह इंडियन फोर्स की तैनाती दुश्मनों के दिलों में दहशत बढ़ाने वाली है.