चिकन-पनीर खाने से बच्ची की मौत, 19 लोग बीमार, छट्टी कार्यक्रम में उड़ाई थी दावत
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चिकन-पनीर खाने से बच्ची की मौत, 19 लोग बीमार, छट्टी कार्यक्रम में उड़ाई थी दावत

CG News: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में पनीर और चिकन खाने ने कई लोग बीमार पड़े गए. जहां एक बच्ची की मौत भी हुई है. गांव में आयोजित छट्टी कार्यक्रम में पनीर और चिकन 20 लोगों के लिए काल बन कर उतरा है, जिसके बाद से प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं. 

 

chhattisgarh kondagaon food poisoning

Food Poisoning News: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में पनीर और चिकन तब काल की वजह बन गया, जब उसे खाने से एक बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत के साथ कुल 19 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए हैं. बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था, जिसके बाद उसे वहां से रेफर किए जाने के बाद मौत हो गई. 14 लोगों का जिला अस्पताल में इलाज किया गया. 5 पीड़ितों का हंगवा गांव में ही कैंप लगाकर इलाज किया गया था. 

क्या है पूरा मामला 
दरअसल, छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले के हंगवा गांव में एक छट्टी कार्यक्रम आोयजित किया गया था. कार्यक्रम तुला कोर्राम के घर पर आयोजित हुआ था जिसमें गांव के कई लोग शामिल हुए थे. कार्यक्रम के लिए स्पेशल भोजन तैयार किया गाय था जिसमें मेहमानों के लिए 20 किलो पनीर और 6 किलो चिकन की  व्यवस्था रखी गई थी. भोजन में शामिल पनीर- चिकन खाने से देर रात गांव वालों की तबीयत बिगड़ने लगी थी जिसके बाद 14 पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

बच्ची की हुई मौत
छट्टी कार्यक्रम के लिए तुला कोर्राम ने कोण्डागांव जिले के कन्या आश्रम शाला हंगवा से जयंती कोर्राम और उसकी बहनें पूजा कोर्राम,  भूमिका कोर्राम को छुट्टी दिलाकर छट्टी कार्यक्रम के लिए घर ले गए थे. कार्यक्रम के अगले दिन आश्रम में छोड़ने के बाद जयंती की तबीयत खराब हुई थी जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मोत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगा कर पीड़ितों का इलाज करना शुरू कर दिया था. 

घटना के बाद भड़के लोग 
फूड प्वाइजनिंग की खबर आते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (department of food and drug administration)पर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं. एक बच्ची की मौत और 19 लोग के बिमार होने पर लोगों में विभाग के लिए आक्रोश भर गया है. विभाग खाद्य पदार्थों की नियमित जांच करने का दावा करते है लेकिन ऐसी घटना सामने आने से प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई देती है.

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