अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर उठे सवाल, नरोत्तम मिश्रा का तंज- अरुण भैया करें तो क्या करें?
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अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर उठे सवाल, नरोत्तम मिश्रा का तंज- अरुण भैया करें तो क्या करें?

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अरुण यादव को संगठन में दरकिनार कर दिया गया है.

अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर उठे सवाल, नरोत्तम मिश्रा का तंज- अरुण भैया करें तो क्या करें?

भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की. अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसे लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अरुण भैया करें तो क्या करें...कमलनाथ अरुण यादव को बैठक में बुलाते नहीं हैं, लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ने देते हैं!

'केंद्रीय नेतृत्व को देंगे चुनौती'
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अरुण यादव को संगठन में दरकिनार कर दिया गया है. अब अरुण यादव अपना दुखड़ा व्यक्त करने सोनिया गांधी से नहीं मिलेंगे तो किससे मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अब अरुण यादव केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती देंगे. कमलनाथ ने ही सारे पद अपने पास रख लिए हैं. बता दें कि अरुण यादव और कमलनाथ के बीच तनातनी की खबरें बीते दिनों खूब चर्चा में रहीं थी. अरुण यादव खंडवा लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन बाद में समर्थन ना मिलता देख उन्होंने खुद ही अपने आप को टिकट की रेस से बाहर कर दिया था. 

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इसके बाद राजनारायण सिंह पुरनी को खंडवा लोकसभा सीट पर टिकट दिया गया लेकिन वह भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल से चुनाव हार गए. चुनाव में हार के बाद राजनारायण सिंह पुरनी ने  अरुण यादव समर्थकों पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पार्टी ने कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी. अभी भी जब कांग्रेस पार्टी 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है तो अरुण यादव चर्चाओं से बाहर चल रहे हैं. यही वजह है कि अरुण यादव की दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. 

नक्सलियों पर लगेगी लगाम
वहीं नक्सलियों के मुद्दे पर बात करते हुए गृहमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में नक्सलियों के आतंक को खत्म करने के लिए नक्सल प्रभावित जिलों में आदिवासियों को सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा. इसके लिए विशेष दस्ता तैयार किया जा रहा है, जिन्हें सामुदायिक पुलिसिंग से जोड़ा जाएगा. सामुदायिक पुलिसिंग के सदस्यों को सरकार हर माह 25 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय भी देगी. 

इस योजना को गृह विभाग कैबिनेट की बैठक में भी पेश किया जाएगा. इस योजना के तहत राज्य के बालाघाट, डिंडोरी, मंडला जिले के आदिवासियों को जोड़ा जाएगा. 

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